शरीर पर लहसन के निशान ब्रेन ट्यूमर का संकेत

जागरण संवाददाता, कानपुर : भारतीय संस्कृति में शरीर पर लहसन के निशान (बर्थ मार्क) को शुभ संकेत माना जाता है। ऐसा सोचने वाले सतर्क हो जाएं। शरीर पर लहसन के निशान खराब तरीके के ब्रेन ट्यूमर का भी संकेत हैं। ऐसे व्यक्तियों में आगे चलकर ब्रेन ट्यूमर पाया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Feb 2019 01:54 AM (IST) Updated:Sun, 03 Feb 2019 01:54 AM (IST)
शरीर पर लहसन के निशान ब्रेन ट्यूमर का संकेत
शरीर पर लहसन के निशान ब्रेन ट्यूमर का संकेत

जागरण संवाददाता, कानपुर : भारतीय संस्कृति में शरीर पर लहसन के निशान (बर्थ मार्क) को शुभ संकेत माना जाता है। ऐसा सोचने वाले सतर्क हो जाएं। शरीर पर लहसन के निशान खराब तरीके के ब्रेन ट्यूमर का भी संकेत हैं। ऐसे व्यक्तियों में आगे चलकर ब्रेन ट्यूमर पाया जाता है। यह जानकारी अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ब्रेन ट्यूमर सेंटर के डायरेक्टर और अमेरिकन न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी के चेयरमैन प्रो. जेफ्री एन ब्रूस ने दी। वह न्यूयॉर्क से होटल लैंडमार्क में उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड न्यूरो साइंस सोसाइटी के 25वें वार्षिक सम्मेलन यूपी-यूके न्यूरोकॉन में शिरकत करने आए थे।

उन्होंने कहा कि ब्रेन ट्यूमर और ब्रेन कैंसर की कोई स्पष्ट वजह नहीं है। अनुवांशिक और जन्मजात विसंगतियों को कारण माना जाता है। ब्रेन कैंसर और ट्यूमर ऑपरेशन के बाद पूरी तरह ठीक हो जाएगा, इसकी गारंटी नहीं है। ऑपरेशन के बाद भी जटिलताएं हो सकती हैं क्योंकि कई तरह की दवाएं चलती हैं।

तनाव में है देश की 33 फीसद आबादी

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के न्यूरोलॉजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. अतुल अग्रवाल ने कहा कि तनाव में देश की 33 फीसद आबादी है। इसमें पांच साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग भी हैं। सभी को अपने स्तर का तनाव है। इसकी वजह से ही नींद कम आना, ब्लड प्रेशर (बीपी), शुगर (मधुमेह) और कब्ज जैसी समस्याएं हो रही हैं। वहीं आपसी रिश्ते भी प्रभावित हो रहे हैं। इसे योग, व्यायाम, ध्यान और जीवन को अनुशासित कर ठीक किया जा सकता है। मामूली सिरदर्द और तनाव में लोग न्यूरोलॉजिस्ट के पास पहुंच जाते हैं। इसे फैमिली फिजीशियन ही देख सकते हैं। इन समस्याओं में दवाओं का सेवन ठीक नहीं है।

chat bot
आपका साथी