सर संघ चालक मोहन भागवत ने कहा, प्रवासी कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराएं स्वयं सेवक

सर संघ चालक ने प्रांतीय पदाधिकारियों की बैठक में आह्वान किया और कानपुर प्रांत में मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के कार्य की सराहना भी की।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 10 Sep 2020 05:18 PM (IST) Updated:Thu, 10 Sep 2020 05:18 PM (IST)
सर संघ चालक मोहन भागवत ने कहा, प्रवासी कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराएं स्वयं सेवक
सर संघ चालक मोहन भागवत ने कहा, प्रवासी कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराएं स्वयं सेवक

कानपुर, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने कहा है कि लाॅकडाउन के कालखंड का प्रभाव अभी बाकी है और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से कार्य करना है। इसलिए स्वयं सेवक आगे आएं और प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराएं।

समाज में पैदा करना है आत्मनिर्भरता का भाव

बुधवार की रात कानपुर प्रवास पर आए सर संघ चालक मोहन भागवत ने गुरुवार की सुबह सिविल लाइंस स्थित क्षेत्र संघ चालक वीरेंद्र जीत सिंह के आवास पर कानपुर प्रांत के पदाधिकारियों की बैठक की। दो दिवस चलने वाली बैठक के पहले दिन उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए तथा ग्रामीण क्षेत्र में किसानों के लिए कार्य करना है। इसके साथ समाज में आत्मनिर्भरता का भाव पैदा करना है। उन्होंने कहा कि कानपुर प्रांत में प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बहुत अच्छा कार्य हुआ है लेकिन इसे और आगे बढ़ाना है।

कानपुर प्रांत में सेवा कार्यों को सराहा

सर संघ चालक ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान संघ के अतिरिक्त मठ, मंदिर, गुरुद्वारों, सामाजिक संगठनों ने भी सेवा कार्य किए हैं। इससे समाज में एक बहुत बड़ी सज्जन शक्ति उभर कर सामने आई है। संघ के स्वयं सेवकों को एेसी सज्जन शक्ति से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने लाॅकडाउन के दौरान कानपुर प्रांत में किए गए सेवा कार्यों की भी जानकारी ली। पदाधिकारियों ने प्रांत के सेवा कार्यों को आंकड़ों के साथ रखा। साथ ही स्वयं सेवकों द्वारा व्यक्तिगत रूप से किए गए प्रेरणादायी कार्यों को भी उनके सामने रखा।

सेवा कार्यों की सराहना करते हुए सर संघ चालक ने कहा कि स्वयं सेवकों को याद रखना चाहिए कि हमने यह कार्य प्रचार के लिए नहीं किया है। यह हमारा समाज के प्रति दायित्व था। समाज में संस्कार उत्पन्न करने के लिए बुद्ध पूर्णिमा पर उपवास, कुटुंब प्रबोधन की दृष्टि से स्वजनों का एक साथ भोजन और प्रत्येक प्रकृति प्रेमी परिवार द्वारा पर्यावरण की दृष्टि से हवन कार्यक्रम की भी उन्होंने सराहना की।

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