कानपुर के जीएसवीएम में लागू होगी रोटेशन प्रणाली, दो साल के लिए बनेंगे विभागाध्यक्ष

सभी विभागों की सीनियर फैकल्टी को बारी-बारी से दो-दो साल के लिए विभागाध्यक्ष का पद देने का अादेश जारी किया है। इस आदेश को 23 मार्च को विशेष सचिव शुभ्रा सक्सेना ने जारी किया है। मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को आदेश जारी कर व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 26 Mar 2021 03:54 PM (IST) Updated:Fri, 26 Mar 2021 03:54 PM (IST)
कानपुर के जीएसवीएम में लागू होगी रोटेशन प्रणाली, दो साल के लिए बनेंगे विभागाध्यक्ष
जीएसवीएम के विभिन्न विभागों में भी नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।

कानपुर, जेएनएन। प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में रोटेशन प्रणाली लागू हो गई है। मेडिकल कॉलेजों के विभिन्न विभागों में वरिष्ठ संकाय सदस्य (सीनियर फैकल्टी) दो-दो साल के लिए विभागाध्यक्ष बन सकेंगे। जीएसवीएम के विभिन्न विभागों में भी नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। यहां के विभागों के दूसरे संकाय सदस्यों को भी विभागाध्यक्ष बनने का मौका मिलेगा।

प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में विभागाध्यक्ष पद को लेकर वरिष्ठ शिक्षकों के बीच खींचतान होती रहती है। इस वजह से शैक्षणिक एवं चिकित्सकीय कार्य प्रभावित होते थे। आगरा में तो मेडिसिन विभाग एवं न्यूरो सर्जरी विभाग के दो प्रोफेसरों के बीच खींचतान इतनी बढ़ गई की मामला कोर्ट तक पहुंच गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के उपरांत प्रमुख सचिव को दोनों पक्षों की बातें सुनने के उपरांत निर्णय लेने का आदेश दिया। लखनऊ में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने दोनों शिक्षकों की बातें सुनीं और उनसे लिखित प्रत्यावेदन भी लिया। दोनों पक्षों एवं तथ्यों को आधार मानते हुए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए निर्णय लिया। इन सभी तथ्यों को देखने और सुनने के बाद सभी विभागों की सीनियर फैकल्टी को बारी-बारी से दो-दो साल के लिए विभागाध्यक्ष का पद देने का अादेश जारी किया है। इस आदेश को 23 मार्च को विशेष सचिव शुभ्रा सक्सेना ने जारी किया है। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. केके गुप्ता ने सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को आदेश जारी कर व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

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