अब प्रदेश की सरकारी दुकानों में नहीं बटेगा राशन, जनिये क्या है वजह

उन्होंने कहा कि इतने कम लाभांश में परिवार का भरण पोषण करना संभव नहीं है। इससे कोटेदार मानसिक आर्थिक और शारीरिक समस्याओं से बुरी तरह से ग्रस्त है। प्रदेश अध्यक्ष ने चेताया कि अगर हमारी मांग को नहीं माना गया तो न्यायलय की शरण लेना मजबूरी हो जाएगी।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sat, 27 Mar 2021 04:10 PM (IST) Updated:Sat, 27 Mar 2021 04:10 PM (IST)
अब प्रदेश की सरकारी दुकानों में नहीं बटेगा राशन, जनिये क्या है वजह
इस हड़ताल की जनहित में पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी

कानपुर, जेएनएन। प्रदेश भर की सरकारी दुकानों में पांच अप्रैल को राशन नहीं बांटा जाएगा। इसके लिए सरकारी दुकानों के संगठन ने खाद्य आयुक्त को पत्र लिखकर जानकारी दी है। फेयर प्राइज शॉप डीलर फेडरेशन उत्तर प्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार तिवारी ने बताया कि प्रदेश के सभी कोटेदार संगठनों द्वारा शासन का ध्यान लाभांश व मानदेय बढ़ाये जाने के संबंध में ध्यान खींचा गया।

कई बार उच्चाधिकारियों से मुलाकात भी की है, लेकिन आज तक कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि इतने कम लाभांश में परिवार का भरण पोषण करना संभव नहीं है। इससे कोटेदार मानसिक, आर्थिक और शारीरिक समस्याओं से बुरी तरह से ग्रस्त है। प्रदेश अध्यक्ष ने चेताया कि अगर हमारी मांग को नहीं माना गया तो न्यायलय की शरण लेना मजबूरी हो जाएगी। 80 हजार कोटों में नहीं बटेगा राशन प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार तिवारी ने कहा कि प्रदेशभर में 80 हजार कोटे पांच अप्रैल को सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल की जनहित में पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी।

   यह हैं प्रमुख मांगे प्रदेश के उचित दर विक्रेताओं को 300 रुपये प्रति कुंतल कमीशन व 30 हजार रुपये मानदेय दिया जाये। 2001 से बकाया डोर स्टेप डिलवरी के भुगतानों का बिल कोटेदारों को देना संभव नहीं है। विभाग अपने स्तर से भुगतान करे, क्योंकि विभाग केपास समस्त रिकॉर्ड उपलब्ध है। चीनी खाद्यान पर पूर्व की भांति प्रति क्विंटल के हिसाब से छीजन दिया जाए। अन्य विभागों को स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है। वैसे कोटेदारों को भी स्वास्थ्य बीमा दिया जाये।  

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