ओडीएफ के बाद अब कूड़ामुक्त गांव

जागरण संवाददाता, कानपुर : स्वच्छ भारत मिशन से जिन 90 राजस्व गांवों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Feb 2017 01:00 AM (IST) Updated:Thu, 23 Feb 2017 01:00 AM (IST)
ओडीएफ के बाद अब कूड़ामुक्त गांव
ओडीएफ के बाद अब कूड़ामुक्त गांव

जागरण संवाददाता, कानपुर : स्वच्छ भारत मिशन से जिन 90 राजस्व गांवों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है, अब उन्हें कूड़े से फैलने वाली गंदगी से भी निजात मिलेगी। सॉलिड लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट के तहत अब इन गांवों में एकत्र होने वाले कूड़े से खाद बनाई जाएगी। पॉयलट प्रोजेक्ट के रूप में जिले से तीन गांवों का चयन कर काम भी शुरू कर दिया गया है।

यह गांव नौरंगाबाद, उदैतपुर बिठूर व ईश्वरीगंज हैं, यहां के ग्रामीणों को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है और वह कूड़ा का निस्तारण भी ठीक से सीख चुके हैं। तीनों गांवों में कूड़े से खाद बननी भी शुरू हो गई है। जिला पंचायतराज अधिकारी आरएस चौधरी ने बताया कि तीन गांवों में कूड़े से खाद बनाई जाने लगी है। बाकी गांवों में भी हम जल्द ही प्रयास शुरू करने जा रहे हैं।

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कहां कितने खुले में शौचमुक्त गांव

बिल्हौर ब्लाक में 16, कल्याणपुर में 14, सरसौल 13, चौबेपुर 12, शिवराजपुर 9, बिधनू 7, पतारा 6, भीतरगांव 6, घाटमपुर 05 और ककवन में 02 राजस्व गांव।

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ऐसे बनेगी खाद : गांव में लाल व नीले रंग के डिब्बे में कूड़ा डाला जाएगा। इसमें पॉलीथीन व प्लास्टिक का कचरा अलग कर दिया जा रहा है। इसके बाद घास, कूड़ा-कचरा, अंडे के छिलके, गोबर व पानी डालकर उसका घोल बनाया। ढाई फीट के गड्ढे में घोल को डाला जाता है, चार महीने तक उसे सड़ाने के बाद खाद बन जाएगी।

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ऐसे इस्तेमाल खाद : तैयार जैविक खाद की 500 ग्राम मात्रा दो बीघा खेत में डाली जाएगी। इसका इस्तेमाल गोबर के साथ मिलाकर होगा।

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ईश्वरीगंज कछार में रखे गए कूड़ेदान

ईश्वरीगंज कछार गांव में काम पूरा कर लिया गया है। ग्राम प्रधान आकाश वर्मा व ग्राम पंचायत अधिकारी राकेश झा ने बताया कि गांव में जगह-जगह कूड़ेदान रखे गए हैं। सूखा व गीला कूड़ा अलग-अलग रखे जा रहे हैं, कई महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। पॉलीथीन व प्लास्टिक के दूसरे कचरे को अलग किया जा रहा है। इससे खाद तैयार होगी।

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