बारिश बनी काल : जूही पुल के नीचे डूबे पुरोहित, छत ढहने से अधेड़ की गई जान Kanpur News

भीषण जलभराव के चलते तड़के हुआ हादसा घाटमपुर के पतारा व बिठूर में गिरा कच्चा मकान।

By AbhishekEdited By: Publish:Fri, 27 Sep 2019 12:50 PM (IST) Updated:Fri, 27 Sep 2019 12:50 PM (IST)
बारिश बनी काल : जूही पुल के नीचे डूबे पुरोहित, छत ढहने से अधेड़ की गई जान Kanpur News
बारिश बनी काल : जूही पुल के नीचे डूबे पुरोहित, छत ढहने से अधेड़ की गई जान Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। रातभर हुई बारिश के बाद जूही में खलवा पुल की ढाल पर भीषण जलभराव के चलते श्राद्ध कराने जा रहे यशोदा नगर निवासी 60 वर्षीय पुरोहित राजकुमार तिवारी की डूबने से मौत हो गई। शुक्रवार सुबह उनका शव उतराता मिला। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। तलाशी में मिले मोबाइल से पुलिस ने परिजनों को सूचना दी तो बेटा गणेश, बेटी लक्ष्मी व पत्नी उमा तिवारी मौके पर पहुंचे।

बेटे गणेश के मुताबिक पिताजी पुरोहित थे। तड़के चार बजे वह घर से साइकिल लेकर नवाबगंज में गंगास्नान के बाद वहीं एक परिवार में श्राद्ध कराने जा रहे थे। जूही खलवा पुल की ढाल पर भीषण जलभराव में अफीमकोठी चौराहे की ओर जा रही एक कार्गो वैन और लोडर भी फंसी मिली। दोनों के चालकों के बारे में कोई जानकारी नहीं हुई है। वहीं बुजुर्ग की साइकिल का भी कुछ पता नहीं चला है। थाना प्रभारी जूही महेश वीर सिंह ने बताया कि बुजुर्ग ने साइकिल लेकर पानी से निकलने का प्रयास किया। वह पानी का अंदाजा नहीं लगा सके। जिससे डूबने से मौत हो गई। फॉरेंसिक टीम को शरीर पर कोई चोट आदि नहीं मिली है। पोस्टमार्टम के बाद स्थिति साफ होगी। वहीं घाटमपुर के पतारा कस्बा में सुबह 8 बजे बारिश के चलते कच्चे मकान की छत ढह गई। इसके मलबे में दबकर 50 वर्षीय वेद प्रकाश शर्मा की मौत हो गई।

मौत के बाद जागा नगर निगम, संपवेल चालू किया

जलभराव में डूबने से मौत के बाद शुक्रवार को करीब 10 बजे जूही ढाल पर बने सम्पवेल को चालू करके पानी निकालने के प्रयास शुरू किए गए।

बिठूर में बारिश से कच्चा मकान ढहा, मां बेटे बाल-बाल बचे

बिठूर में देर रात से लगातार हो रही तेज बारिश की वजह से बिठूर के तात्या टोपे नगर नयागंज निवासी राजमिस्त्री का काम करने वाले रामरतन प्रजापति के घर का आधे से ज्यादा कच्चा मकान भरभरा कर गिर गया। बगल की कोठरी में सो रहे पत्नी सुधा देवी और बड़ा बेटा कुलदीप बाल बाल बचे। कुलदीप ने बताया वह मां के साथ दूसरे कमरे में सो रहा था तभी घर के दूसरी ओर रात तीन बजे कोठरी गिरने की आवाज आई कच्ची छत बारिश की वजह से भरभरा कर गिर पड़ी दोनो ने हड़बड़ी में भागकर जान बचाई। थोड़ी देर बाद दूसरा हिस्सा भी आधा गिर पड़ा। एक अन्य कोठरी की कच्ची छत में बड़ा छेद हो गया जिससे मकान में पानी भर गया। गृहस्थी का सामान भी भीग गया। कुलदीप ने बताया कि पिता ने 5 साल पहले और 2 साल पहले मां ने प्रधानमन्त्री आवास योजना के लिए आवेदन किया लेकिन आवास आज तक नही मिला।

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