अब महीने में दो बार होगा गंगा का हेल्थ चेकअप, मॉनीटरिंग की रूपरेखा तैयार

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अगस्त माह से शुरुआत करेगा इससे फैक्ट्रियों से निकलने वाले लेड कैडमियम व क्रोमियम की मात्रा का भी जल्दी पता चल जाएगी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 30 Jul 2020 07:28 AM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2020 07:28 AM (IST)
अब महीने में दो बार होगा गंगा का हेल्थ चेकअप, मॉनीटरिंग की रूपरेखा तैयार
अब महीने में दो बार होगा गंगा का हेल्थ चेकअप, मॉनीटरिंग की रूपरेखा तैयार

कानपुर, जेएनएन। यूपी में निर्मल गंगा के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार पूरा प्रयास कर रही हैं। कानपुर में गंगा गिरने वाले सौ साल से ज्यादा पुराने सीसीमऊ नाला का प्रवाह बंद कराने के साथ ही कई नलों का प्रवाह रोक दिया गया। अब प्रदूषण विभाग गंगा पर निगरानी रखेगा कि वह कितनी साफ है, कहीं उसमें फैक्ट्रियों से निकलने वाले हानिकारक केमिकल तो नहीं गिराए जा रहे है। अगस्त माह से इसकी माह में दो बार मॉनीटरिंग की जाएगी, इसकी रूपरेख क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तैयार भी कर ली है।

बोर्ड की जांच में प्राप्त डाटा से वर्तमान स्थिति के साथ ही भविष्य को लेकर भी विश्लेषण किया जा सकेगा। शहर में डाउन स्ट्रीम में जाजमऊ के समीप जाना गांव व अप स्ट्रीम में गंगा बैराज में गंगा जल की जांच की जाएगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एसबी फ्रेंकलिन ने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहर के अप व डाउन स्ट्रीम में दो बार मॉनीटरिंग के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा अन्य प्रोजेक्ट में कन्नौज से कानपुर तक 12 प्वाइंट पर पहले की तरह जल परीक्षण चलता रहेगा। 

बीओडी, डीओ, पीएच के अलावा गंगा में फैक्ट्रियों से निकलकर मिलने वाले लेड, कैडमियम व क्रोमियम जैसे हानिकारक तत्वों की मात्रा का पता भी जल्दी लगाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि गंगा की निगरानी रखने के साथ उसकी स्टडी रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी। इससे यह पता चल सकेगा कि किस स्थान पर गंगा निर्मल व किस स्थान पर दूषित हो रही है। आंकड़ों का विश्लेषण करने से आगे गंगाजल की स्थिति व भविष्य की तस्वीर भी सामने आने लगेगी।

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