बड़े ही शातिर हैं ये साइबर ठग, धोखे से Finger Print लेकर खाते से उड़ाते थे रकम Kanpur News

पकड़े शातिरों में एक शिक्षक तो दूसरा रिटायर्ड दारोगा का बेटा है।

By AbhishekEdited By: Publish:Sat, 23 Nov 2019 03:48 PM (IST) Updated:Sat, 23 Nov 2019 06:22 PM (IST)
बड़े ही शातिर हैं ये साइबर ठग, धोखे से Finger Print लेकर खाते से उड़ाते थे रकम  Kanpur News
बड़े ही शातिर हैं ये साइबर ठग, धोखे से Finger Print लेकर खाते से उड़ाते थे रकम Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। धोखे से लोगों के फिंगर प्रिंट लेकर बैंक खाते से लाखों रुपये की ठगी कर चुके दो शातिर आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ ही गए। इनमें से एक शिक्षक का बेटा है तो दूसरा रिटायर्ड दारोगा का पुत्र है। दोनों ही बड़े शातिर ढंग से बैंक खातों से रकम ट्रांसफर करते थे। अबतक सौ से अधिक लोगों के खाते से 35 लाख रुपये से अधिक की रकम निकाल चुके हैं।

सर्विलांस की मदद से हाथ आए शातिर

एसपी ग्रामीण प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि साइबर ठगों ने अगस्त में रिक्शा चालक मोहम्मद जमील के खाते से ढाई लाख और अजय प्रताप पांडेय के खाते से 30 हजार रुपये नकदी उड़ाई थी। मामले की जांच इंस्पेक्टर नवाब अहमद कर रहे थे। धोखाधड़ी में इस्तेमाल मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाया गया। लोकेशन घाटमपुर में मिलने पर घेराबंदी करके दो साइबर ठगों को दबोचा, जबकितीसरा साथी भाग गया। पकड़े गए शातिरों में सरगना मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक प्राइवेट स्कूल का शिक्षक तो दूसरा सेवानिवृत्त दारोगा का बेटा है। इनमें आछीमोहाल उत्तरी स्टेशन रोड घाटमपुर निवासी राहुल कुमार शर्मा, टीचर्स कालोनी अशोक नगर निवासी संदीप उर्फ आशीष शर्मा है। उन्होंने फरार साथी का नाम बर्रा कर्रही निवासी सौरभ बताया है।

धोखे से लेते थे फिंगर प्रिंट और आधार

फोटो कॉपी दुकान और साइबर कैफे चलाने वाला आशीष हमीरपुर से सेवानिवृत्त दारोगा का बेटा है। सरगना राहुल और उसकी पत्नी मध्यप्रदेश के जबलपुर के कुंडन में एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते हैं। शातिरों ने बताया कि वे धोखे से लोगों का फिंगर प्रिंट और आधार कार्ड लेते थे। फिंगर प्रिंट का रबर स्टैंप पर क्लोन तैयार करते थे। मोबाइल एप पर फिंगर प्रिंट स्कैनर को कनेक्ट कर क्लोन फिंगर प्रिंट सेखाते से रुपये उड़ाते थे।

फर्जी आइडी पर डिजिटल पे-वन खाते में करते थे ट्रांसफर

शातिरों ने बताया कि खाते से रकम फर्जी आइडी पर बने डिजिटल पे-वन अकाउंट ट्रांसफर करते थे। उससे अपने खाते में ट्रांसफर करने के साथ ऑनलाइन शॉपिंग करते थे। दोनों पूर्व में आधार सेंटर चलाते थे, जहां लोगों का आसानी से आधार नंबर और फिंगर प्रिंट मिल जाता था। बाद में आधार नंबर जुटाने के लिए विभिन्न कंपनियों के सिमकार्ड बेचने शुरू कर दिए।

पुलिस ने ये सब किया बरामद

45 रबर स्टैंप फिंगर प्रिंट क्लोन, 124 भीम एप बार कोड, 265 एयरटेल पेमेंट बैंक के बार कोड, 43 विभिन्न कंपनी के सिमकार्ड, 5 फिंगर प्रिंट स्कैनर, एटीएम कार्ड स्वाइप मशीन, 5 मोबाइल, लैपटॉप, टैब, मॉडम, पेन ड्राइव।

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