Pintu Sengar Murder: फूलनदेवी ने कराई थी राजनीति में इंट्री, मायावती को भेंट की थी चांद पर जमीन
फूलन की हत्या के बाद सपा छोड़कर बसपा में शामिल हो गए थे और छावनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था।
कानपुर, गौरव दीक्षित। दस्यु सुंदरी रहीं पूर्व सांसद फूलन देवी ने नरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सेंगर पर हाथ रखा था और जरायम से राजनीति की दुनिया में इंट्री कराई थी। जबतक फूलन जिंदा रहीं, वह सपा में रहे, उनकी हत्या के बाद पिंटू ने बसपा का दामन थाम लिया था। बसपा में रहते हुए जब पिंटू ने बसपा प्रमुख मायावती के लिए चांद पर जमीन खरीदने का ऐलान किया तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। इसके बाद फिर उन्होंने पार्टी में वापसी कर ली थी।
कुछ इस तरह शुरू हुआ राजनीतिक सफर
पिंटू सेंगर छात्र जीवन से राजनीति से जुड़े रहे और जेल से छूटने के बाद फूलन देवी ने राजनीति की रपटीली राहों पर कदम रख तो पिंटू उनके सबसे विश्वस्त साथियों में शामिल थे। कहा जाता है कि फूलन उन्हें भाई जैसा मानती थीं। उनके माध्यम से पिंटू की इंट्री सपा की राजनीति में हुई थी। वर्ष 1996 में फूलन पहली बार सांसद बनी तभी से पिंटू के खिलाफ मुकदमों की बाढ़ भी थमी। 1996 के बाद केवल पांच मुकदमे दर्ज हुए और उनमें से तीन पुलिस कार्रवाई के मामले थे। फूलन देवी की हत्या के बाद पिंटू सेंगर ने बसपा का दामन थामा। वर्ष 2007 में बसपा के टिकट पर छावनी से किस्मत आजमाई मगर, हार गए।
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बसपा सुुप्रीमो को चांद पर जमीन दी
पिंटू सेंगर का देशभर में नाम चर्चा में तब आया जब जनवरी 2010 में बसपा सुप्रीमो मायावती के नाम चांद पर जमीन खरीदी थी और रजिस्ट्री भी दिखाई थी। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में पिंटू चौथे स्थान पर रहे थे और 13,375 मत मिले थे। बसपा में उनकी पैठ अच्छी बन रही थी और छावनी विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी थे। उत्साह में 15 जनवरी 2010 को बसपा सुप्रीमो के जन्मदिन पर उनके नाम चांद पर जमीन खरीद ली। उन्होंने पत्रकार वार्ता कर बताया था कि लूनर रिपब्लिक सोसायटी के माध्यम से उन्होंने चांद पर जमीन का एक टुकड़ा बहन मायावती के नाम से खरीदा है और जमीन की रजिस्ट्री भी दिखाई थी। इससे पार्टी नेतृत्व नाराज हो गया था और उन्हें निष्कासित कर दिया था। हालांकि इसके कुछ समय बाद वह दोबारा पार्टी में शामिल हो गए। उनकी मां शांतिदेवी को बसपा से कठेठी से जिला पंचायत सदस्य बनीं और पिता सोने सिंह गोगूमऊ के ग्राम प्रधान चुने गए।
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जानें-क्या बोले बसपा नेता
नरेंद्र सिंह ने 2007 में कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। वे पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता थे, घटना बेहद निंदनीय है। भाजपा शासन में अराजकता का माहौल है, अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। -रामशंकर कुरील, जिलाध्यक्ष बसपा पुलिस का अपराधियों पर नियंत्रण नहीं रह गया है। नरेंद्र सिंह की हत्या से यह साफ हो गया है कि अपराधी बेलगाम हो गए हैं। भाजपा सरकार में अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए। -रामनारायण निषाद, महानगर अध्यक्ष बसपा
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