Facebook Live : पैरा साइक्लिस्ट अक्षय बोले- साइकिलिंग ही मेरी जिद, जुनून और पहचान

दैनिक जागरण के फेसबुक लाइव में प्रशंसकों से किया संवाद साझा किया अपना संघर्ष।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 02 Aug 2020 10:45 PM (IST) Updated:Sun, 02 Aug 2020 10:45 PM (IST)
Facebook Live : पैरा साइक्लिस्ट अक्षय बोले- साइकिलिंग ही मेरी जिद, जुनून और पहचान
Facebook Live : पैरा साइक्लिस्ट अक्षय बोले- साइकिलिंग ही मेरी जिद, जुनून और पहचान

कानपुर, जेएनएन। जब जीवन में कोई रास्ता नहीं दिख रहा था, तब मां ने हाथ थामकर संभाला। मां का साथ और खुद पर विश्वास ने आज साइकिङ्क्षलग को मेरी जिद, जुनून और पहचान बना दिया। हताशा को खुद पर कभी हावी न होने दें। एक बार जिस पथ पर चलने की ठान लें, सफलता हासिल करने से पहले पीछे मुड़कर मत देखें। ये बातें रविवार को दैनिक जागरण के फेसबुक लाइव पर इंटरनेशनल बुक और गिनीज बुक ऑफ रिकार्डधारी पैरा साइक्लिस्ट अक्षय ङ्क्षसह ने अपने प्रशंसकों से कही।

साइकिलिंग करके पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने की अपील

अक्षय ने जैसे ही अपने संघर्ष की गाथा सुनानी शुरू की, हर कोई उनके दर्द का सहभागी बनता गया। अक्षय ने सभी को साइकिङ्क्षलग करके पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि साइकिल वो दोस्त है, जो जीवन की राह संवारने का काम करती है। युवाओं को साइकिङ्क्षलग में निरंतर अभ्यास कर इस विधा में पहचान बनाने को कहा।

एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना जीवन का लक्ष्य

उन्होंने कहा, एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और राष्ट्रगान के बीच देश का मान बढ़ाना ही जीवन का एकमात्र लक्ष्य है। अक्षय ने कृत्रिम पैर से तय की गई राइड में आई परेशानियों को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि नौ वर्ष तक कृत्रिम पैर संग सफलता पाने के लिए सफर तय किया। उसके बाद कानपुर से मुंबई और दिल्ली की दूरी रिकार्ड समय में तय कर पहचान पाई। साइकिङ्क्षलग को हर आयुवर्ग का मित्र बताते हुए अक्षय ने इसे दिनचर्या में शामिल करने का आग्रह किया। अंत में कोविड नियमों का पालन करने की अपील करते हुए प्रशंसकों को अलविदा कहा।  

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