तीन माह में शुरू होगा प्लांट का निर्माण

जागरण संवाददाता, कानपुर: कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद पनकी पावर प्लांट का निर्माण अब तीन माह

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Mar 2018 03:14 PM (IST) Updated:Sat, 17 Mar 2018 03:14 PM (IST)
तीन माह में शुरू होगा प्लांट का निर्माण
तीन माह में शुरू होगा प्लांट का निर्माण

जागरण संवाददाता, कानपुर: कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद पनकी पावर प्लांट का निर्माण अब तीन माह में शुरू हो जाएगा। अनुमति के बाद भेल की तरफ से आर्डर फाइल किया जाएगा और टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। 660 मेगावाट के इस नए प्लांट को 44 माह में बनाकर तैयार किया जाना है। प्लांट के तैयार होने के बाद शहर का नाम एक बार फिर ग्रिड में बिजली सप्लाई करने वाले प्लांटों की सूची में शामिल हो जाएगा।

24 अक्टूबर से बंद है प्लांट

पनकी पावर प्लांट से बिजली उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने पनकी पावर प्लाट को बंद कर रखा है। उत्पादन निगम ने यह फैसला प्लाट को महंगी बिजली मिलने के कारण किया है। उधर पर्यावरण मंत्रालय भी प्लांट से निकलने वाली राख से हो रहे प्रदूषण पर आपत्ति जताई थी। 2017 में 24 अक्टूबर से प्लांट पूरी तरह से बंद है।

महंगी पड़ रही थी बिजली

पनकी पावर प्लाट में 105 मेगावाट की 2 यूनिटें हैं। इन यूनिटों से पैदा होने वाली बिजली की कीमत पावर कॉरपोरेशन को करीब 5.50-6 रुपये प्रति यूनिट तक पड़ती थी। उत्पादन निगम के दूसरे पावर प्लाटों से मिलने वाली बिजली की कीमत 3.50 रुपये से 4.00 रुपये प्रति यूनिट तक है। यही वजह है कि ऊर्जा विभाग इस पावर प्लाट को बंद करना चाहता था। पावर प्लाट से बिजली महंगी होने के कारण पावर कॉरपोरेशन इस पावर प्लाट से पीक डिमाड में ही बिजली लेता था। 660 मेगावाट क्षमता वाले प्लांट के लिए भेल ने नक्शा तैयार कर लिया है। अब कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।

2015 से चल रही थी प्रक्रिया

सपा सरकार के कार्यकाल में इस यूनिट की स्थापना की तैयारी शुरू हुई थी इसे 2019 तक पूरा हो जाना था। लेकिन अब जब भाजपा की सरकार में 2018 में कैबिनेट की मंजूरी मिली है तब यह प्लांट करीब चार साल यानि 2022 में जाकर तैयार हो सकेगा। राज्य सरकार पनकी में 660 मेगावाट का सुपर क्रिटिकल पावर प्लाट बना रही है। पनकी पावर हाउस में बिजली उत्पादन के लिए दो सब क्रिटिकल यूनिट वर्ष 1967 में स्थापित की गई थीं। इनकी मियाद पूरी हो चुकी है। नये प्लांट के लिए पर्यावरण मंत्रालय की भी अनुमति मिल चुकी है।

चल रही ट्रांसफर प्रक्रिया

पनकी प्लांट बंद होने से यहां पर तैनात करीब 600 अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला प्रक्रिया जोरों पर चल रही है। अब तक 2 एसी, 23 एई, 8 एक्सईएन के तबादले हो चुके हैं इसके बाद जेई और अन्य कर्मचारियों का भी अन्य जगह ट्रांसफर होगा।

इस बारे में पनकी पावर प्लांट के महाप्रबंधक एचपी सिंह का कहना है कि कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है अब भेल टेंडर प्रक्रिया शुरु करेगा, इस पूरे काम में करीब तीन माह का समय लगेगा। बढ़ी क्षमता के प्लांट के लिए भेल ने ड्राइंग तैयार कर ली है।

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