KESCO में संविदा कर्मियों का पीएफ घोटाला, EPFO ने माना पैसा बाकी Kanpur News

ठीकेदारों ने वर्ष 2000 से 2014 तक अंशदान नहीं जमा कराया है।

By AbhishekEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 10:00 AM (IST) Updated:Mon, 18 Nov 2019 10:00 AM (IST)
KESCO में संविदा कर्मियों का पीएफ घोटाला, EPFO ने माना पैसा बाकी Kanpur News
KESCO में संविदा कर्मियों का पीएफ घोटाला, EPFO ने माना पैसा बाकी Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। पावर कारपोरेशन के पीएफ घोटाले का शोर अभी थमा भी नहीं कि बिजली विभाग के संविदा कर्मचारियों के पीएफ का घोटाला सामने आ गया। संविदा कर्मचारी मुहैया कराने वाले ठीकेदारों ने उनके पीएफ का 14 वर्ष तक भुगतान ही नहीं किया। वर्ष 2000 से वर्ष 2014 तक कर्मियों का पीएफ अंशदान न जमा होने में केस्को अधिकारियों की भी मिलीभगत मानी जा रही है क्योंकि ठीकेदारों को भुगतान तभी होना था, जब वह कर्मचारियों के पीएफ भुगतान का प्रमाण दे देते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

बरसों पुराने इस मामले में लंबी जांच के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने माना है कि कर्मचारियों को पीएफ का भुगतान किया जाना था लेकिन नहीं हुआ। ईपीएफओ ने भुगतान जमा करने के लिए केस्को को पीएफ कोड आवंटित कर दिया है। केस्को में लंबे समय से ठीके पर संविदा कर्मी रखे जा रहे हैं। वर्ष 2014 में संविदा कर्मचारी संगठन केस्को ने पीएफ व ईएसआइ की आवाज उठाई तो दोनों का भुगतान शुरू हो गया।

संगठन के महामंत्री दिनेश सिंह भोले ने बताया कि वर्ष 2014 से पीएफ व ईएसआइ की सुविधा मिल रही है, लेकिन इससे पहले के 531 कर्मचारियों को यह लाभ नहीं मिला। इस मामले में उन्होंने ईपीएफओ में वाद दायर किया था। ईपीएफओ ने केस्को से वर्ष 2000 से 2014 के बीच के संविदा कर्मियों का रिकार्ड मांगा लेकिन नहीं उपलब्ध कराया गया।

संगठन ने सभी साक्ष्य जुटाए और ईपीएफओ प्राधिकारी के सामने प्रस्तुत किया। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त द्वितीय उत्कर्ष जीत सिंह इस प्रकरण की सुनवाई कर रहे हैं। पिछले दिनों सुनवाई के बाद उन्होंने माना कि कर्मचारियों को पीएफ मिलना चाहिए था। इसलिए उन्होंने अब केस्को के नाम पीएफ कोड आवंटित कर दिया है। अब भी केस्को खाते में विवादित अवधि का पैसा नहीं जमा कराता है तो उसके खिलाफ धारा 7ए के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

बड़ा सवाल? कैसे होता रहा ठीकेदारों का भुगतान

पावर कारपोरेशन में ठीकेदारी प्रथा से कर्मचारी रखने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद तत्कालीन चेयरमैन ने स्पष्ट आदेश दिया था कि अफसर ठीकेदारों को तभी भुगतान करें जब उन्हें कर्मचारियों का ईएसआइ और पीएफ जमा होने प्रमाण मिल जाए। लेकिन, तत्कालीन अफसर ठीकेदारों को भुगतान करते रहे, जबकि कर्मचारियों का ईएसआइ और पीएफ कभी जमा ही नहीं हुआ।

इन कंपनियों ने दिए थे कर्मचारी

इलाहाबाद इंजीनियरिंग वक्र्स, नानका इंटरप्राइजेज, प्रयागराज इंटरप्राइजेज, भारत ट्रेडर्स, एसए इंटरप्राइजेज, इकरा एजेंसी, एएस पावर, एशनी इंटरप्राइजेज, एके इंटरप्राइजेज, यामा ट्रेडर्स, राजेश्वरी शुक्ला एंड संस।

531 कर्मचारी, 13 करोड़ रुपया

ईपीएफओ ने अभी रकम का निर्धारण नहीं किया है, लेकिन संविदा कर्मचारी संगठन केस्को की तैयार की गई लिस्ट में 531 संविदा कर्मियों का 13 करोड़ रुपये बकाया माना गया है। केस्को मुख्यालय के अधिशासी अभियंता मदनलाल का कहना है कि यह पुराना प्रकरण है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में वाद चल रहा है लेकिन वहां से क्या आदेश हुआ है। इसकी जानकारी नहीं है।

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