कानपुर: राष्ट्रीय शर्करा संस्थान का कमाल, ज्वार से विकसित किया शहद का विकल्प; ये हैं इसके सेवन के फायदे

चीनी से घबराने वालों के लिए फायदेमंद निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि चीनी में 100 प्रतिशत शुक्रोज होता है जो मधुमेह बढ़ने की बड़ी वजह होता है। उसमें 385 किलो कैलोरी प्रति 100 ग्राम होती है। इसी वजह से लोग चीनी के ज्यादा उपयोग से घबराते है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 06 Sep 2022 05:15 PM (IST) Updated:Tue, 06 Sep 2022 05:15 PM (IST)
कानपुर: राष्ट्रीय शर्करा संस्थान का कमाल, ज्वार से विकसित किया शहद का विकल्प; ये हैं इसके सेवन के फायदे
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की प्रयोगशाला में ज्वार की जांच करते निदेशक नरेन्द्र मोहन। स्रोत स्वयं

चंद्र प्रकाश गुप्ता, कानपुर : राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआइ) ने ज्वार के तने से निकले रस से शहद का विकल्प बनाया है। इसके सेवन से लोगों को वही औषधीय लाभ मिलेंगे, जो शहद के होते हैं। इसे पेटेंट कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है और अगले वर्ष तक बाजार में उतारने का प्रयास किया जा रहा है।

निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन का दावा है कि संस्थान के विशेषज्ञों ने हैदराबाद स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मिलेट्स रिसर्च के साथ हुए करार के तहत ज्वार की विभिन्न प्रजातियों से अल्कोहल प्राप्त करने के लिए अनुसंधान शुरू किया था। इसी दौरान सामने आया कि मीठे ज्वार के तने से जो रस मिलता है, उसे सांद्र (गाढ़ा) करने पर गुण शहद के समान ही होते हैं। इसमें शुक्रोज की मात्रा कम होती है, लेकिन ग्लूकोज व फ्रक्टोज की मात्रा अधिक होती है। साथ ही इसमें कैलोरी भी लगभग शहद के बराबर मात्रा में ही होती है। माना जा रहा है कि इस उत्पाद का प्रयोग शहद के स्थान पर भी किया जा सकता है।

राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की प्रयोगशाला में ज्वार की जांच करते निदेशक नरेन्द्र मोहन। स्रोत स्वयं

उप्र के विभिन्न क्षेत्रों में उगाया जा सकता संस्थान की ओर से लगातार तीन वर्ष तक ज्वार की 11 प्रजातियों पर शोध किया गया, जिसमें से पांच प्रजातियों के तने में पाए गए रस से शहद के समान सिरप बनाने में सफलता मिली है। इसमें से वसुंधरा प्रजाति सबसे बेहतर रही। यही नहीं, इन प्रजातियों को उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है। संस्थान बाकी शोधकार्य पूरा करके जल्द ही इस सिरप को बाजार में भी लाने की तैयारी कर रहा है।

विकसित हुए शहद के विकल्प में तत्व

फ्रक्टोज की मात्रा - 45 से 48 प्रतिशत ग्लूकोज की मात्रा - 39 से 42 प्रतिशत सुक्रोज की मात्रा - आठ से 10 प्रतिशत पीएच मान - 4.31 घुलनशील ठोस सामग्री (ब्रिक्स) मान - 72 ऊर्जा मान - 296 किलोकैलोरी प्रति 100 ग्राम कार्बोहाइड्रेट - 71.66 प्रतिशत वसा - 0.23 प्रतिशत प्रोटीन - 1.94 प्रतिशत जल की मात्रा - 22.36 प्रतिशत

शहद में पाए जाने वाले तत्व फ्रक्टोज की मात्रा- 30 से 41 प्रतिशत ग्लूकोज की मात्रा - 25 से 35 प्रतिशत सुक्रोज की मात्रा - पांच से आठ प्रतिशत पीएच मान - 3.50 से 6.00 घुलनशील ठोस सामग्री (ब्रिक्स) मान - 70 से 80 ऊर्जा मान - 300 से 310 किलोकैलोरी प्रति 100 ग्राम कार्बोहाइड्रेट - 70- 80 प्रतिशत वसा - 0.1 से 0.2 प्रतिशत प्रोटीन - 0.4 से 0.8 प्रतिशत जल की मात्रा - 17 से 22 प्रतिशत

ज्वार से तैयार किया गया शहद का विकल्प दिखाते निदेशक नरेन्द्र मोहन। स्रोत स्वयं

चीनी से घबराने वालों के लिए फायदेमंद

निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि चीनी में 100 प्रतिशत शुक्रोज होता है, जो मधुमेह बढ़ने की बड़ी वजह होता है। उसमें 385 किलो कैलोरी प्रति 100 ग्राम होती है। इसी वजह से लोग चीनी के ज्यादा उपयोग से घबराते हैं, क्योंकि उन्हें मधुमेह जैसी बीमारी की जद में आने का डर सताता है, लेकिन इस विशेष सिरप का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।

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