Mahoba Case: क्रशर कारोबारी ने आत्महत्या नहीं की तो इसकी धारा लगाना कौन सी मजबूरी!

महोबा में क्रशर कारोबारी इंद्रकांत को गोली लगने के बाद हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ था जो मौत के बाद हत्या में तरमीम हो गया था लेकिन अब आइजी मुकदमा बदलने की जानकारी दे रहे है लेकिर प्रेस कांफ्रेंस में आत्महत्या कहने से बचते रहे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 03 Oct 2020 05:11 PM (IST) Updated:Sat, 03 Oct 2020 05:11 PM (IST)
Mahoba Case: क्रशर कारोबारी ने आत्महत्या नहीं की तो इसकी धारा लगाना कौन सी मजबूरी!
महोबा में क्रशर कारोबारी की मौत के मामले में अभी पुलिस किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंची है।

महोबा, जेएनएन। क्रशर कारोबारी की संदिग्ध हालात में मौत अभी भी राज बनी हुई है। इससे जुड़े सवाल एसआइटी जांच के बाद भी खड़े हैं। केवल इस तथ्य पर कि गोली गाड़ी के अंदर चली और कारोबारी इंद्रकांत की पिस्टल से ही चली, के आधार पर हत्या का दर्ज मुकदमा अब आत्महत्या दुष्प्रेरण की धारा में तरमीम हो गया। यहां भी पुलिस की दुविधा साफ दिख रही है। प्रेस कांफ्रेंस में खुद आइजी धारा परिवर्तन की जानकारी दे रहे थे लेकिन, सवालों के जवाब में आत्महत्या कहने से बचते रहे। अब एक नया सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि आखिर कौन सी मजबूरी हो गई कि आत्महत्या अभी तक स्पष्ट न होने पर भी इससे जुड़ी धारा मुकदमे में लगा दी गई।

आत्महत्या दुष्प्रेरण की धारा में चलेगा मुकदमा

क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की संदिग्ध परिस्थतियों में गोली लगने के बाद आरोपितों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ था। कारोबारी की मौत के बाद उसे हत्या की धारा में तरमीम कर दिया गया। एसआइटी की जांच पूरी होने के बाद पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार समेत अन्य आरोपितों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने (आइपीसी की धारा 306) के आरोपों में मुकदमा चलेगा। आइजी के. सत्यनारायण ने प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी दी, लेकिन यह भी कहा, अभी नहीं कह सकते हैं कि कारोबारी ने आत्महत्या की थी। आधार यही बताया कि फॉरेंसिक जांच के बाद परिस्थितिजन्य साक्ष्य को देखते आत्महत्या दुष्प्रेरण की धारा लगाई गई है।

खुदकशी का दावा करने से क्यों बच रहे अफसर

हालांकि पुलिस के इस बयान से कई नए सवाल भी खड़े हो रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि पुलिस अफसर जब खुद आत्महत्या का दावा करने से बच रहे हैं तो आखिर किस विवशता के चलते मुकदमा आत्महत्या की धारा में तरमीम किया गया। पुलिस जांच पूरी होने तक धाराओं के बदलाव में इंतजार कर सकती थी। अगर आगे कोई तथ्य मिला तो क्या फिर दोबारा से हत्या की धारा में मुकदमा होगा। कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक अगर ऐसा होगा तो निश्चित तौर पर इसका लाभ आरोपित पक्ष को मिलेगा।

दिवंगत के भाई और साझीदार के फिर लिए बयान

रेंज एसआइटी ने एक बार फिर तीन लोगों को पूछताछ और बयान के लिए बुलाया। दिवंगत कारोबारी इंद्रकांत के भाई और वादी रविकांत, साझीदार पुरुषोत्तम सोनी और बालकिशोर द्विवेदी से देर शाम तक पूछताछ होती रही। अलग-अलग तीनों के बयान दर्ज कराए गए।

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