कानपुर की एक और उपलब्धि, इटली गए मेट्रो के बोगी फ्रेम, अब कोच बनकर आएंगे भारत

पुणे मेट्रो के लिए कानपुर की कंपनी को 234 बोगी फ्रेम बनाने का ऑर्डर मिला है। इटली में बोगी फ्रेम की मजबूती परखने के बाद कोच बनाकर भारत आएंगे। इससे पहले कानपुर में राजधानी शताब्दी और तेजस के लिए बोगी फ्रेम बना चुकी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 09 Mar 2021 09:46 AM (IST) Updated:Tue, 09 Mar 2021 09:46 AM (IST)
कानपुर की एक और उपलब्धि, इटली गए मेट्रो के बोगी फ्रेम, अब कोच बनकर आएंगे भारत
पुणे और इटली की टीमों ने क्लियरेंस दे दी है।

कानपुर, [राजीव सक्सेना]। पुणे में शुरू होने जा रही मेट्रो के लिए कानपुर में बन रहे दो बोगी फ्रेम को मजबूती परखने के लिए इटली भेजा गया है। अब इटली से ही कोच बनकर सीधे भारत आएंगे। इटली और पुणे की टीमों ने कानपुर की कंपनी को बोगी फ्रेम बनाने की क्लियरेंस दे दी।

कानपुर में बोगी फ्रेम बना रही कंपनी वेद सेसोमैकेनिका के प्रबंध निदेशक आरएन त्रिपाठी के मुताबिक यह पहला मौका है जब देश में बोगी फ्रेम बनाने वाली किसी कंपनी के बोगी फ्रेम टेस्टिंग के लिए यूरोप भेजे जा रहे हैं। कंपनी के पास पहले से ही बोगी फ्रेम बनाने का यूरोपियन स्टैंडर्ड ईएन 15085 है। पुणे मेट्रो का काम टीटागढ़ फिरेमा कंपनी के पास है। उसने कुछ समय पहले इटली की कंपनी का अधिग्रहण किया है। टीटागढ़ फिरेमा ने पनकी इंडस्ट्रियल एरिया स्थित वेद सेसोमैकेनिका को पुणे की मेट्रो के लिए बोगी फ्रेम बनाने की जिम्मेदारी दी है। इससे पहले कंपनी राजधानी, शताब्दी और तेजस के बोगी फ्रेम बना चुकी है।

कंपनी को अपने पहले सात बोगी फ्रेम बनाकर इटली भेजने के लिए कहा गया था ताकि वहां कंपनी उनकी मजबूती का परीक्षण करा सके। परीक्षण में खरा उतरने के लिए यूरोपियन स्टैंडर्ड को ध्यान में रखकर बोगी फ्रेम बनाए जा रहे थे। भारत में माइनस 20 डिग्री सेल्सियस पर बोगी फ्रेम पर दबाव की क्षमता का आकलन होता है और इटली में माइनस 40 डिग्री पर। शुक्रवार रात जर्मनी की कंपनी क्यूयूवी नॉर्ड से आए विशेषज्ञ अमित यादव ने बोगी फ्रेम को अंतिम रूप से चेक किया।

इसके बाद इटली और पुणे के अधिकारियों से बात कर इसे क्लियरेंस दी गई। शनिवार दोपहर दो बोगी फ्रेम दिल्ली रवाना कर दिए गए। इसमें एक मोटर कोच व एक ट्रेलर कोच है। इसके बाद 13 मार्च को बाकी पांच बोगी फ्रेम भेजे जाएंगे। इसमें से एक बोगी फ्रेम को वहां माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखकर प्रेशर बनाया और देखा जाएगा कि कितने तापमान पर वह टूट सकती है।

एक मेट्रो बनाने के लायक बोगी फ्रेम जा रहे

एक बोगी फ्रेम को तोडऩे के बाद भी छह बोगी फ्रेम वहां बचे रहेंगे। इन पर तीन कोच की पहली मेट्रो ट्रेन बनकर आएगी। वह सीधे पुणे भेजी जाएगी।

बाकी मेट्रो के लिए पुणे जाएंगे बोगी फ्रेम

इसके बाद सभी बोगी फ्रेम कानपुर से सीधे पुणे भेजे जाएंगे। उन पर वहीं कोच बनाए जाएंगे। बाकी 33 ट्रेन के लिए 198 बोगी फ्रेम अगले कुछ माह में यहां से भेज दिए जाएंगे।

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