कानपुर में बुढिय़ाघाट नाला में भरा कचरा और सिल्ट फिर बढऩे लगा ओवरफ्लो होने का खतरा

इस बाबत जल निगम के महाप्रबंधक ने नगर आयुक्त को पत्र लिखा है कि नाले में कचरा व सिल्ट से नाला पटा पड़ा है। टेनरी से उत्प्रवाह छोड़े जाने पर ओवर फ्लो की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और गंदा पानी गंगा में जाएगा।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sun, 03 Jan 2021 02:55 PM (IST) Updated:Sun, 03 Jan 2021 02:55 PM (IST)
कानपुर में बुढिय़ाघाट नाला में भरा कचरा और सिल्ट फिर बढऩे लगा ओवरफ्लो होने का खतरा
माघ मेला को देखते हुए नाले को साफ कराया जाए ताकि गंगा में दूषित पानी न जाए

कानपुर, जेएनएन। जनवरी माह में माघ मेला शुरू होने के साथ ही जल निगम और गंगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को गंगा में अव्यवस्थाएं नजर आने लगी है। अभी तक शांत बैठे अफसर हरकत में आ गए है। गंगा में गिर रहे नालों को रोकने के साथ ही सफाई की भी तैयारी की जा रही है ताकि दूषित पानी गंगा में न जाए। बुढ़यिाघाट पंपिंग स्टेशन के बगल में बहने वाला नाला कचरे और सिल्ट से चोक पड़ा है। टेनरी की उत्प्रवाह होने से नाला ओवर फ्लो हो सकता है। इस बाबत जल निगम के महाप्रबंधक ने नगर आयुक्त को पत्र लिखा है कि नाले में कचरा व सिल्ट से नाला पटा पड़ा है। टेनरी से उत्प्रवाह छोड़े जाने पर ओवर फ्लो की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और गंदा पानी गंगा में जाएगा। माघ मेला को देखते हुए नाले को साफ कराया जाए ताकि गंगा में दूषित पानी न जाए।  

गंगा में गिर रहे नाले गंगा में रोक के बाद भी कई नाले गिर रहे है और दूषित कर रहे है। रानी घाट नाला में पाइप टूटने के कारण सीधे दूषित पानी गंगा में जा रहा है। इसके अलावा गोलाघाट, सत्तीचौरा, गुप्तार घाट, मैगजीन घाट और परमट घाट के पास नालों का दूषित पानी गंगा में मिल रहा है। अब तक अरबों रुपये नाला रोकने और गंगा शुद्ध करने में खर्च हो चुके है लेकिन समस्या कम होने के बजाए और विकट होती जा रही है।

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