शुभ संकेत : कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज से बढ़ीं एंटी बॉडीज, नए साल में मिल सकती राहत

आइसीएमआर से वॉलंटियर्स के रक्त नमूने की जांच में टाइटर बढऩे की पुष्टि हुई है 84 दिन बाद फिर जांच कराई जाएगी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 07 Sep 2020 09:44 AM (IST) Updated:Mon, 07 Sep 2020 05:48 PM (IST)
शुभ संकेत : कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज से बढ़ीं एंटी बॉडीज, नए साल में मिल सकती राहत
शुभ संकेत : कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज से बढ़ीं एंटी बॉडीज, नए साल में मिल सकती राहत

कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमणकाल में राहत की बड़ी खबर है, स्वदेशी कोरोना वैक्सीन नए साल से लोगों को राहत दे सकती है। शहर के निजी अस्पताल में 33 वॉलंटियर्स को वैक्सीन का बूस्टर डोज देने के बाद खून में टाइटर बढऩे की पुष्टि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने की है। अब 84 दिन बाद सभी के खून के नमूनों की जांच कर देखेंगे कि एंटीबॉडी के टाइटर (एंटीबॉडी की मात्रा का आकलन करने की इकाई) कितने और बढ़े।

31 जुलाई को देश भर में मानव पर देश की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन का ट्रॉयल किया गया, जिसमें 350 वॉलंटियर्स शामिल किए हैं। प्रखर हॉस्पिटल आर्यनगर में 33 वॉलंटियर्स पर वैक्सीन का पहला ट्रॉयल 31 जुलाई को हुआ था। पहली डोज देने के 14 दिन बाद खून का सैंपल लेकर आइसीएमआर के जरिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) भेजा गया।

किसी में कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखे। उसी दिन सभी को बूस्टर डोज लगाई गई। उसके बाद 28 अगस्त को सभी के खून के नमूने एनआइवी भेजे गए। वैक्सीन ट्रॉयल के चीफ गाइड प्रो. जेएस कुशवाहा ने बताया कि वैक्सीन की पहली और बूस्टर डोज लगाने के बाद एंटीबॉडी के टाइटर बने और बढ़े भी हैं। यह अच्छा संकेत है। ट्रॉयल में वॉलंटियर्स की रिपोर्ट अच्छी आई है। उम्मीद है कि वर्ष 2021 की शुरुआत में वैक्सीन आ सकती है।

84 दिन बाद फिर होगी जांच

प्रो. कुशवाहा ने बताया कि अब 84 दिन बाद फिर से सभी के ब्लड सैंपल जांच को भेजेंगे। उसमें देखेंगे कि एंटीबॉडी के बने टाइटर कितने दिन टिके। टाइटर जितने अधिक बढ़ेंगे, वैक्सीन उतनी प्रभावी होगी।

निष्क्रिय वायरस से बनाई वैक्सीन

आइसीएमआर व एनआइवी पुणे के साथ भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने कोरोना के निष्क्रिय वायरस से वैक्सीन तैयार की है। जानवरों पर ट्रायल सफल रहा है। अब पहले और दूसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है।

क्या है एंटी बॉडी

बैक्टीरिया, वायरस और बीमारी से लडऩे के लिए शरीर प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है। कोरोना नया वायरस है। वैक्सीन लगने के बाद एंटीबॉडी बनेंगी, जो कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाएगी।

दूसरे फेज के ट्रायल की अनुमति

आइसीएमआर ने दूसरे फेज के ट्रायल की अनुमति दे दी है। प्रो. कुशवाहा ने बताया कि पहले फेज में देश भर से 18-55 वर्ष के 350 वॉलंटियर्स लिए थे। दूसरे फेज में 12-65 वर्ष के 1100 वॉलंटियर्स लिए जा रहे हैं। कानपुर में 45 वॉलंटियर्स पर वैक्सीन का ट्रायल होगा। इसके लिए स्क्रीनिंग शुरू करने की अनुमति आइसीएमआर ने दी है। पहले दिन 10 की स्क्रीनिंग की गई, उनके रक्त नमूने, पल्स, बीपी, ऑक्सीजन का स्तर आदि की रिपोर्ट दिल्ली भेजी गई है। इस बार पहले वैक्सीन लगेगी और 28वें दिन ब्लड सैंपल लेकर बूस्टर डोज लगाई जाएगी। उसके बाद 42वें, 56वें व 108 दिन बाद एंटीबॉडी चेक करने को खून के नमूने लिए जाएंगे।

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