दुबई, सउदी अरब, कुवैत तक है इनकी कढ़ाई वाले कपड़ों की धूम

अंजाना बेगम से प्रेरित हो कढ़ाई व्यवसाय से जुड़ी हजारों महिलाएं। मुफलिसी को मात देकर एक हजार परिवारों को मिली समृद्धि की राह।

By AbhishekEdited By: Publish:Thu, 18 Oct 2018 06:02 PM (IST) Updated:Thu, 18 Oct 2018 06:06 PM (IST)
दुबई, सउदी अरब, कुवैत तक है इनकी कढ़ाई वाले कपड़ों की धूम
दुबई, सउदी अरब, कुवैत तक है इनकी कढ़ाई वाले कपड़ों की धूम
कानपुर (जेएनएन)।  कुछ कर गुजरने का माद्दा हो तो विपरीत परिस्थितियों में राह मिल ही जाती है। मुफलिसी के दौर से गुजर रही यमुना तटवर्ती गांव की एक महिला ने वह कर दिखाया जो सहज ही सभी को मुश्किल लगता है। फतेहपुर की कढ़ाई अब देश नहीं बल्कि विदेशों में भी पहचान बना रही है। यह संभव हुआ फतेहपुर मेवातगंज की अंजाना बेगम की बदौलत। 
खाड़ी देशों में आपूर्ति होते हैं कपड़े
लखनऊ के महाजनों द्वारा कढ़ाई के लिए कुर्ता, फ्राक, साड़ी, लहंगा, लांचा, टॉप, दुपट्टा सहित अन्य वस्त्र अंजाना पति मुंतासिर अहमद के साथ लेकर आती थी और कढ़ाई करके फिर वापस करती हैं। शुरुआत में यह कार्य वह अकेले ही करती थीं, धीरे-धीरे अन्य महिलाएं भी जुड़ी। आज गांव के लगभग सभी घरों में कढ़ाई का काम होता है। अब तक उनके द्वारा कढ़ाई किए गए वस्त्र मुंबई व फिल्मी दुनियां के अलावा दुबई, सउदी अरब, कुबैत, बहरीन, इंडोनेशिया, मलेशिया आदि देशों में भी आपूर्ति किया जाता है।
गरीब परिवारों को मिला आय का जरिया
अंजाना बेगम बताती हैं कि करीब पंद्रह वर्ष पहले वह इस कार्य से जुड़ी, शुरुआत में कढ़ाई की गुणवत्ता उतनी अच्छी नहीं थी, इस वजह से कम रेट मिलते थे, जैसे-जैसे हाथ साफ हुआ। कढ़ाई की कीमत भी ज्यादा मिलने लगी। धीरे-धीरे अन्य महिलाओं ने भी काम करना शुरू किया तो बड़ी तादाद में कपड़े लखनऊ से लाना शुरू कर दिया। अब तो लगभग सभी घरों में कढ़ाई का काम होता है। अब जाफरगंज, जमरौली, गाजीपुर, जहानाबाद, हाथीपुर व रसूलाबाद के करीब एक हजार परिवार इस व्यवसाय से जुड़ गए हैं और समृद्धि की राह पर आगे बढ़ गए हैं। गरीबी व बदहाली में जीवन जी रहे परिवार अब हजारों रुपये महीना कमा रहे हैं।
महिलाओं को घर में मिला रोजगार
अंजाना बेगम के अलावा मेवातगंज की खुशनूर, किश्वर जहां, सोनी, अफसाना, शबां, रोशनी, शना, नाजनीर, सूखी, मुस्कान आदि ने बताया कि शुरुआत में परिवार को मुफलिसी के दौर से गुजरना पड़ा, लेकिन जब से कढ़ाई का काम शुरू किया तो इससे अच्छी खासी कमाई हो जाती है। साथ ही घर की महिला सदस्यों को घर पर ही रोजगार मुहैया हो जाता है।
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