Coronavirus News: ठंड में फिर ताकतवर हो रहा कोरोना, पढ़िए-बचाव के लिए आपके सवाल और डॉक्टर के जवाब
कानपुर शहर में कोरोना संक्रमण ठंड में फिर से पांव पसारने लगा है यह मौसम वायरस के अनुकूल है। ऐसे में डॉक्टर बचाव के लिए एतिहात बरतने के साथ जरूरी नियमों के पालन पर जोर दे रहे हैं। लापरवाही करना स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है।
कानपुर, जेएनएन। ठंड की शुरुआत हो चुकी है। वर्ष 2019 में सर्दियों में ही कोरोना वायरस सक्रिय हुआ था, इसलिए यह मौसम वायरस के अनुकूल है, जिससे वह ताकतवर हो रहा है। इसलिए लापरवाही छोड़कर सतर्कता एवं एहतियात बरतना जरूरी है। मास्क लगाएं और दो गज की दूरी का पालन करें। यह बातें जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रेम सिंह ने जागरण डॉट कॉम के प्रश्न पहर में पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि एहतियात, मास्क और दो गज की दूरी कोरोना से जंग के लिए है जरूरी...।
-अगर कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव है। उम्र 60 वर्ष से अधिक है, तो मरीज को हाई रिस्क कैटेगरी में रखा जाएगा। अगर उम्र 60 वर्ष से अधिक या कम है, लेकिन साथ में मधुमेह, हाइपरटेंशन, लिवर, हृदय रोग, किडनी और सांस की बीमारी है, तो ऐसे लोगों को घर पर नहीं रखना चाहिए। कोरोना संक्रमित 60 वर्ष से कम आयु के जिनका सेचुरेशन ऑफ ऑक्सीजन (एसपीओटू) 94 फीसद से कम हो तो उन्हें तत्काल अस्तपाल में भर्ती कराएं। उन्हें जटिलताएं हो सकती हैं। मास्क कितना प्रभावी है। अंजना तिवारी, देव नगर।
-अगर एक साथ दो व्यक्ति हैं और उसमें से एक व्यक्ति मास्क लगाए है तो 70 फीसद तक बचाव होगा। अगर दोनों मास्क लगाए हैं तो 99 फीसद तक बचाव होगा। इसलिए मास्क जरूर लगाएं।
हाथ-पैरों में टूटन रहती है। राजेश तिवारी, गल्लामंडी नौबस्ता।-यह बुखार का लक्षण है, कोरोना और डेंगू की जांच कराएं। अगर बुखार नहीं है तो यह विटामिन-डी और मल्टीविटामिन की कमी का संकेत है। सप्ताह में एक दिन विटामिन-डी का सेवन करें। बदन में मालिश करके धूप जरूर सेकें। रात को सोते समय गुनगुना दूध गुड़ के साथ लें।
-कोरोना और डेंगू वायरस से होने वाली बीमारियां हैं, इनकी कोई दवा नहीं है। इसलिए बचाव एवं सतर्कता बरतें। कोरोना में बुखार के साथ खांसी और सांस फूलने की समस्या होती है। वहीं, डेंगू में तेज बुखार, हाथ-पैरों में भीषण दर्द और ऐंठन होती है। आंखों के नीचे भी दर्द और लालिमा आ जाती है। शरीर में लाल चक्कते पड़ जाते हैं। कोरोना संक्रमित को खाने में क्या देना चाहिए। इंदरजीत सिंह, गुमटी नंबर पांच।
-पौष्टिक भोजन लेना चाहिए। खासकर विटामिन युक्त फल व सब्जियों का अधिक सेवन करें। इसमें संतरा, मौसमी, नींबू, आंवला का सेवन करें। ङ्क्षजक से भरपूर आहार भी लें।
-गांव का खानपान एवं वातावरण शुद्ध होता है। गांव के लोग मेहनत करते हैं, जिससे उनकी प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है। खाली बदन खेतों में काम करने से विटामिन-डी प्रचूर मात्रा में मिलती है, जो संक्रमण से बचाव करती है। शहर में धूल, धुआं और प्रदूषण में रहते हैं। खानपान भी शुद्ध नहीं है। दिनभर की भागदौड़ में अपने लिए समय ही नहीं रहता है। इस वजह से प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
-घबराएं नहीं, यह कोरोना नहीं है। एलर्जी की समस्या हो सकती है। एलर्जी की दवा लें। बिटाडीन डालकर गुनगुने पानी से गरारा करें, आराम मिलेगा।
कोरोना से ऐसे करें बचाव
घर से बाहर जाएं तो मास्क जरूर लगाएं। इसमें ट्रिपल लेयर मास्क, एन-95 मास्क और एन-99 मास्क। अगर मास्क नहीं है तो सूती कपड़े को दो बार फोल्ड करके मुंह व नाक को ढक लें। दो गज की दूरी का पालन करें। सैनिटाइजर एवं साबुन से हाथ धोते रहें। घर आने पर गुनगुने पानी से स्नान करें। उसके बाद गुनगुने पानी में बिटाडीन या माउथवाश डालकर गरार जरूर करें।
इसका रखें ध्यान -हर बुखार व सर्दी-खांसी को कोरोना मान कर चलें। -95 फीसद लोगों में वायरस नाक-मुंह से प्रवेश करता है। - गले में कोरोना वायरस 12-24 घंटे तक रहता है। -उसके बाद श्वांस नली से फेफड़े तक पहुंचता है। -इसलिए संक्रमण के बाद सीटी स्कैन जरूर कराएं। -सीटी स्कैन न होने पर डिजिटल एक्सरे जांच कराएं। -94 फीसद से कम ऑक्सीजन लेवल होना गंभीर।