कानपुर में किडनी के अवैध ट्रांसप्लांट मामले में पुलिस हिरासत में दिल्ली के बड़े अस्पताल के CEO

डॉ.दीपक शुक्ला पर किडनी कांड में शामिल होने का आरोप है। पुलिस ने एसआइटी की मदद से कानपुर में 17 फरवरी को किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्यों को दबोचा था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sat, 08 Jun 2019 09:42 AM (IST) Updated:Sat, 08 Jun 2019 09:45 AM (IST)
कानपुर में किडनी के अवैध ट्रांसप्लांट मामले में पुलिस हिरासत में दिल्ली के बड़े अस्पताल के CEO
कानपुर में किडनी के अवैध ट्रांसप्लांट मामले में पुलिस हिरासत में दिल्ली के बड़े अस्पताल के CEO

कानपुर, जेएनएन। कानपुर में अवैध तरीके से किडनी ट्रांसप्लाट करने के मामले में कल रात पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने कल देर रात दिल्ली के पुष्पावती सिंहानिया रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीएसआरआई) अस्पताल के सीईओ डॉक्टर दीपक शुक्ला को हिरासत में लिया है। आज उनसे कानपुर में पूछताछ की जाएगी।

डॉ.दीपक शुक्ला पर किडनी कांड में शामिल होने का आरोप है। पुलिस ने एसआइटी की मदद से कानपुर में 17 फरवरी को किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्यों को दबोचा था। उसी समय पीएसआरआइ अस्पताल के डॉक्टर दीपक शुक्ला का नाम सामने आया था। इस मामले में अब तक कानपुर, दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता के दस आरोपित पुलिस की गिरफ्त में हैं।

कानपुर के चर्चित किडनी रैकेट मामले में एसआइटी ने कल देर रात पीएसआरआइ अस्पताल, दिल्ली के सीईओ डॉ. दीपक शुक्ला को हिरासत में ले लिया। किडनी रैकेट के सरगना की अस्पताल से मिलीभगत के कई साक्ष्य पुलिस को मिले हैं। उन सभी की विस्तृत जांच की जा रही है। इसी संबंध में डॉ. दीपक को कानपुर लाकर पूछताछ की जाएगी।

किडनी समेत शरीर के अन्य अंगों को अवैध तरीके से ट्रांसप्लांट कराने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पुलिस ने 17 फरवरी को किदवईनगर निवासी इलेक्ट्रिशियन की पत्नी की शिकायत के बाद पर्दाफाश किया था। शुरुआत में ही सरगना टी राजकुमार राव व गौरव मिश्रा समेत छह व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से मिले दस्तावेजों के आधार पर विवेचना शुरू हुई तो परत दर परत गिरोह की गहरी जड़ें सामने आईं। इसमें दिल्ली के कई नामी अस्पतालों की संलिप्तता भी उजागर हुई थी। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने दिल्ली में कई अस्पतालों से भी दस्तावेज कब्जे में लिए थे। इसके बाद पुलिस ने गिरोह से जुड़े चार और लोगों को पकड़कर जेल भेजा था।

पिछले दिनों जांच में पीएसआरआइ अस्पताल की संलिप्तता उजागर होने पर एसआइटी को दिल्ली भेजा गया। जहां कल रात टीम ने अस्पताल के सीईओ डॉ. दीपक शुक्ला को हिरासत में ले लिया। देर रात टीम कानपुर के लिए चल दी। एसपी क्राइम राजेश यादव ने बताया कि एसआइटी ने किडनी कांड में दिल्ली के पीएसआरआइ अस्पताल के सीईओ डॉ. दीपक शुक्ला को हिरासत में लिया है। आज कानपुर आने के बाद उनसे पूछताछ की जाएगी।

अब तक ये लोग जा चुके जेल

लखीमपुर खीरी का गौरव मिश्र, पश्चिम बंगाल कोलकाता का टी राजकुमार राव, जयपुर का शैलेष सक्सेना, लखनऊ का सबूर अहमद, राजा, रामू पांडेय व शमशाद अली और कानपुर में पनकी का विक्की सिंह, लाल कालोनी का श्याम तिवारी और सिपाही का बेटा हमीरपुर निवासी जुनैद शामिल है।

यह था मामला

शिकायतकर्ता महिला ने तहरीर में लिखा था कि श्याम, जुनैद व मोहित उसे नौकरी दिलवाने का झांसा देकर गाजियाबाद और वहां से जांच के बहाने दिल्ली के अस्पताल ले गए थे। वहां तीन लाख रुपये में उसकी किडनी बेचने की कोशिश की। इसकी भनक लगने पर वह दिल्ली से लौट आई और एक फरवरी को बर्रा थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

अब तक फरार आरोपित

नौबस्ता का मोहित निगम, लखनऊ निवासी करन, आसिम सिकदर, आनंद, पीएसआरआइ की कोआर्डिनेटर सुनीता वर्मा व मिथुन, आजमगढ़ निवासी सिप्पू राय, कर्रही बर्रा निवासी संजय पाल और कथित डॉक्टर दिल्ली निवासी केतन कौशिक, दिल्ली निवासी संजय पांडेय, दिल्ली के नामी अस्पताल की कोआर्डिनेटर सोनिका।  

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