ई-वे बिल जेनरेट होने की सूचना न आना खतरे की घंटी

राज्य का ई-वे बिल जेनरेट करने के दौरान आता था मैसेज। क्रेता व विक्रेता दोनों के मोबाइल पर मैसेज आने चाहिए, लेकिन आ नहीं रहे, इससे कारोबारी परेशान हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 21 Apr 2018 04:43 PM (IST) Updated:Sat, 21 Apr 2018 04:43 PM (IST)
ई-वे बिल जेनरेट होने की सूचना न आना खतरे की घंटी
ई-वे बिल जेनरेट होने की सूचना न आना खतरे की घंटी

जागरण संवाददाता, कानपुर : ई-वे बिल जेनरेट करने का मोबाइल पर मैसेज ना आने से कारोबारी परेशान हैं। उन्हें डर है कि उनके पंजीयन नंबर का गलत तरीके से इस्तेमाल कर धोखाधड़ी की जा सकती है। कारोबारियों के मुताबिक राज्य का ई-वे बिल जब जेनरेट करते थे तो यह संदेश आता था कि वह जेनरेट हो गया है। लेकिन अब कोई मैसेज नहीं आता। इससे अगर वे किसी ई-वे बिल को निरस्त कराना चाहते हैं तो भी उनके पास कोई जानकारी नहीं होती।

ई-वे बिल लागू किए जाते समय कहा गया था कि यह जैसे ही लागू होगा क्रेता और विक्रेता दोनों के मोबाइल पर इसके जेनरेट किए जाने के साथ ही पूरे विवरण का मैसेज आ जाएगा। इसके तहत ही राज्य का ई-वे बिल जब तक लागू रहा दोनों के पास मैसेज आते रहे। इससे क्रेता, विक्रेता को यह लाभ था कि अगर कोई माल उनकी जानकारी के बिना भेजा जाता तो वे उसे निरस्त कर सकते थे। इसके अलावा माल की संख्या, किसी अन्य गलती पर उसे निरस्त कर सकते थे। कारोबारियों के मुताबिक एक अप्रैल से लागू केंद्रीय ई-वे बिल के बाद से कोई सूचना नहीं आ रही है। इससे कारोबारी आशंकित हैं।

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'विक्रेता यदि माल की किसी तरह की गलत डिलीवरी करता था वह पता चल जाता थ और ई-वे बिल निरस्त किया जा सकता था लेकिन अब ऐसा नहीं है।'

- मनीष गुप्ता, लोहा कारोबारी, अफीम कोठी।

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'वैट के दौरान भी कई बार कारोबारी की जानकारी के बिना लोगों ने उसके रोड परमिट जारी कर माल मंगा लिया था। अब फिर ऐसा हो सकता है।'

- आरके सफ्फड़, महामंत्री, यूपी डाइज एंड केमिकल मर्चेट एसोसिएशन।

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'कारोबारियों की सुविधा के लिए ई-वे बिल के संदेश मोबाइल पर भेजे जाएं। इससे कोई भी गड़बड़ी होने की आशंका खत्म हो जाएगी।'

- ज्ञानेश मिश्रा, महामंत्री, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल।

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'ई-वे बिल की सूचना ही नहीं ट्रांसपोर्टर द्वारा भरे गए पार्ट बी की सूचना भी नहीं आ रही है। इससे असमंजस की स्थिति है।'

- मोनू कनौजिया, टैक्स सलाहकार।

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'लोगों के मोबाइल पर ई-वे बिल जेनरेट करने की सूचना नहीं आ रही है। इस मामले की जानकारी मुख्यालय को दी जा रही है।'

- पीके मिश्रा, एडीशनल कमिश्नर, ग्रेड वन जोन वन, वाणिज्य कर विभाग।

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