आइआइटी के चार प्रोफेसरों पर बोर्ड ऑफ गवर्नर का फैसला अगले माह
बोर्ड ऑफ गवर्नर के कारण बताओ नोटिस पर आरोपित प्रोफेसरों ने दाखिल किए जवाब। अब बीओजी की अगले माह प्रस्तावित बैठक में लिया जाएगा निर्णय।
कानपुर, जेएनएन। हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद एससी-एसटी व आइटी एक्ट के मुकदमे में फंसे आइआइटी के चारों प्रोफेसर भले ही पूर्ववत् काम पर लौट आए हैं लेकिन मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं। आइआइटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर (बीओजी) ने आरोपित तीन प्रोफेसरों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा था कि सर्विस रूल्स का उल्लंघन करने पर उन्हें डिमोट क्यों न किया जाए? सूत्रों के मुताबिक आरोपितों ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। अब बीओजी की बैठक अगले माह बुलाने की तैयारी है। इसमें जवाब पर चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा। यह बैठक सबसे अहम होगी क्योंकि इसमें लिए गए निर्णय के आधार पर फैकल्टी फोरम व छात्र आगे की रणनीति तय करेंगे।
आइआइटी के एयरोस्पेस इंजीनियङ्क्षरग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुब्रमण्यम सडरेला के उत्पीडऩ के मामले को लेकर कई दिनों से घमासान मचा है। बीओजी की पिछली बैठक में आइआइटी धनबाद के निदेशक प्रो. राजीव शेखर, आइआइटी कानपुर के प्रो. चंद्रशेखर उपाध्याय, प्रो. संजय मित्तल को नोटिस जारी करने के साथ प्रो. ईशान शर्मा को चेतावनी दी गई थी। नोटिस दिए जाने को लेकर बोर्ड की मीटिंग में हंगामा भी हुआ था। इसके विरोध में फैकल्टी फोरम की बैठक भी की गई। बैठक में कई वरिष्ठ प्रोफेसर ने मांगें भी रखीं जिन पर निदेशक ने विचार भी किया लेकिन उनमें से कई मांगें नहीं मानी गईं।
आइआइटी के एयरोस्पेस इंजीनियङ्क्षरग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुब्रमण्यम सडरेला के उत्पीडऩ के मामले को लेकर कई दिनों से घमासान मचा है। बीओजी की पिछली बैठक में आइआइटी धनबाद के निदेशक प्रो. राजीव शेखर, आइआइटी कानपुर के प्रो. चंद्रशेखर उपाध्याय, प्रो. संजय मित्तल को नोटिस जारी करने के साथ प्रो. ईशान शर्मा को चेतावनी दी गई थी। नोटिस दिए जाने को लेकर बोर्ड की मीटिंग में हंगामा भी हुआ था। इसके विरोध में फैकल्टी फोरम की बैठक भी की गई। बैठक में कई वरिष्ठ प्रोफेसर ने मांगें भी रखीं जिन पर निदेशक ने विचार भी किया लेकिन उनमें से कई मांगें नहीं मानी गईं।