अब ऑनलाइन बनेंगे आयुर्वेदिक ड्रग लाइसेंस
जागरण संवाददाता, कानपुर : अब एलोपैथिक ड्रग लाइसेंस की तर्ज पर आयुर्वेदिक औषधि निर्माताओं के भी लाइसे
जागरण संवाददाता, कानपुर : अब एलोपैथिक ड्रग लाइसेंस की तर्ज पर आयुर्वेदिक औषधि निर्माताओं के भी लाइसेंस बनेंगे। नये लाइसेंस व नवीनीकरण के लिए औषधि निर्माताओं को विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। सभी औपचारिकताएं पूरी कर निर्धारित समय पर लाइसेंस निर्गत किए जाएंगे।
आवेदन के साथ सभी प्रकार के दस्तावेज की स्कैन कॉपी भी संलग्न करेंगे। सभी दस्तावेज संलग्न करने के बाद ओके करते ही, आवेदन क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी को दिखने लगेगा। उसके बाद अधिकारी कागजात पूरे होने पर अधिकारी स्थलीय निरीक्षण कर दस्तावेज का मिलान करेंगे। सूचनाएं सत्य होने पर आवेदन को लाइसेंसिंग अथॉरिटी अथवा निदेशक आयुर्वेदिक सेवाएं को बढ़ा देंगे। साथ ही हार्ड कॉपी डाक से भेजेंगे। उसके बाद निदेशक के स्तर से ऑनलाइन लाइसेंस निर्गत किया जाएगा। हार्ड कॉपी उनके पते पर भेजी जाएगी। विभागीय पोर्टल पर जनपद के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों को पासवर्ड दिया जाएगा। इसकी सहायता से अधिकारी पोर्टल पर अपने को रजिस्टर्ड करेंगे।
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आयुष मंत्रालय के अलग पोर्टल पर करना होगा आवदेन
आयुष सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि इसके लिए आयुष मंत्रालय के पोर्टल ड्ड4ह्वह्यद्ध.ह्वश्च.2श्रह्मद्म121.ष्श्रद्व पर आवेदन करना होगा। ऑनलाइन व्यवस्था में अफसर सात दिन से अधिक आवेदन नहीं रोक सकेंगे। उन्हें कमी बताकर रिजेक्ट या एक्सेप्ट करना ही होगा।
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पहले मैन्युअल होता था काम
पहले लाइसेंस बनाने व नवीनीकरण का कार्य मैन्युअल होता था। फाइल तैयार कर अधिकारी के कार्यालय में दी जाती थी। समय मिलने पर अफसर व कर्मचारी जांच करने के लिए जाते थे। इसमें समय अधिक लगता था।
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नई व्यवस्था के तहत जारी होंगे लाइसेंस
नये पोर्टल पर औषधि निर्माताओं को लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा। आनलाइन लाइसेंस व नवीनीकरण के लिए लखनऊ में प्रशिक्षण हो चुका है। अब नई व्यवस्था के तहत लाइसेंस जारी होंगे।
- डॉ. निरंकार गोयल, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारी, कानपुर नगर व देहात