RTI फीस 160 रुपये, आवेदक ने चुकाने में अपनाया ऐसा हथकंडा कि दंग रह गए अफसर

सूचना का अधिकार में छावनी परिषद ने प्रति पेज 40 रुपये शुल्क मांगा।

By AbhishekEdited By: Publish:Wed, 25 Sep 2019 01:50 PM (IST) Updated:Wed, 25 Sep 2019 05:01 PM (IST)
RTI फीस 160 रुपये, आवेदक ने चुकाने में अपनाया ऐसा हथकंडा कि दंग रह गए अफसर
RTI फीस 160 रुपये, आवेदक ने चुकाने में अपनाया ऐसा हथकंडा कि दंग रह गए अफसर

कानपुर, जेएनएन। सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 इसलिए लागू किया गया था ताकि आम लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारियां आसानी से मिल सकें। मगर, विभाग किसी न किसी नियम का हवाला देकर अड़चनें पैदा कर रहे हैं। अब छावनी परिषद को ही लीजिए एक आरटीआइ का जवाब देने के लिए 160 रुपये फीस रख दी। आवेदक ने भी चुकाए लेकिन ऐसा हथकंडा अपनाया कि छावनी अफसर भी दंग रह गए।

साफ सफाई के ठेकों की मांगी थी जानकारी

रेल बाजार निवासी कैलाशचंद्र जैन ने छावनी परिषद से 16 अगस्त 2019 को आरटीआइ के तहत जानकारी मांगी। उन्होंने वार्ड नंबर एक वार्ड नंबर आठ तक साफ-सफाई के लिए दिए गए ठेकों के बारे में जानकारियां मांगी थीं। कैलाश बताते हैं कि लगभग एक महीना बाद छावनी परिषद से उन्हें एक पत्र मिला, जिसमें उनसे कहा गया कि उनके प्रश्नों का उत्तर चार पन्नों में दिया जाएगा और इसके लिए उन्हें प्रति पेज 40 रुपये फोटोकॉपी शुल्क जमा करना होगा। इसके बाद 19 सितंबर को उन्होंने 160 रुपये का शुल्क जमा कर दिया।

छावनी परिषद को थमा दिए सिक्के

तू डाल-डाल तो मैं पात-पात, कैलाश चंद्र जैन ने भी छावनी परिषद को उसी के अंदाज में ही जवाब दिया। बाजार में इन दिनों एक रुपये का छोटा वाला सिक्का कोई दुकानदार नहीं लेता है। ये छोटे एक रुपये के सिक्कों दुकानों और लोगों के घरों में जमा है। इन सिक्कों को बैंक भी जमा करने से कतराता है और जमाकर्ता को लौटा भी देता है। कैलाश ने ऐसे ही 160 एक-एक सिक्के एकत्र किए और छावनी परिषद को बतौर शुल्क थमा दिए। नियमानुसार छावनी परिषद को सिक्के लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। कैलाश के मुताबिक अधिनियम के तहत एक महीने में सूचना देने के नियम का पालन नहीं किया गया है, उन्हें उनके सवालों का जवाब अब तक नहीं मिला है।

छावनी परिषद ने कहा सही

छावनी परिषद की ओर से शुल्क को लेकर बचाव किया गया है। कार्यालय के मुताबिक आरटीआइ एक्ट की धारा दो में स्वायत्त संस्थाओं को शुल्क के मामलों में अपना कानून बनाने का अधिकार है। छावनी परिषद स्वायत्त संस्था है, इसलिए एक्ट की धारा 27 के तहत छावनी परिषद ने सामान्य आरटीआइ पर प्रति पेज 40 रुपये, तत्काल जवाब पर 80 रुपये प्रति पेज फोटोकॉपी और फाइल की फोटोकॉपी 200 रुपये प्रति पेज तय की गई हैं।

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