Anti Sikh Riots Kanpur : निरालानगर समेत चार और हत्याकांडों में शामिल था पूर्व मंत्री का भतीजा राघवेंद्र सिंह, पुलिस कर रही तलाश
सिख विरोधी दंगे में कानपुर में हुए सामूहिक नरसंहार में जिन पांच हत्याकांडों में 32 सिखों समेत 34 लोगों को मौत के घाट उतारा गया था उसमें रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्ट व गवाहों के बयानों से पूर्व मंत्री के भतीजे के शामिल होने की सच्चाई सामने आई है। -
कानपुर, जागरण संवाददाता। पूर्व राज्यमंत्री शिवनाथ सिंह कुशवाहा का भतीजा राघवेंद्र सिंह केवल निरालानगर हत्याकांड में ही शामिल नहीं था, बल्कि वह चार और हत्याकांडों में भी अपने साथियों के साथ मौजूद रहा और खूनी खेला। अब जब गिरफ्तारियां शुरू हुई और गवाहों में न्याय के लिए उम्मीद जागी तो अब वह भी खुलकर बोलने लगे हैं।
यही नहीं एसआइटी के विवेचक भी गिरफ्तारी में सफलता मिलने के बाद पुराने दस्तावेजों को खंगाल रहे हैं तो रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्ट में भी उल्लेख है कि राघवेंद्र सिंह डी ब्लाक गोविंद नगर में हुए सबसे बड़ नरसंहार में भी शामिल था, जिसमें क्रमश: 13 और 11 सिखों की हत्याएं हुईं।
सिख विरोधी दंगों में अब तक हुई एसआइटी जांच में पूर्व राज्यमंत्री शिवनाथ सिंह कुशवाहा का भतीजा राघवेंद्र सिंह सबसे बड़े खलनायक के रूप में सामने आया है। एसआइटी को निरालानगर हत्याकांड में राघवेंद्र सिंह की तलाश है। जब से उसे पता चला कि वह आरोपित बनाया गया है, वह फरार है। उसने अदालत में आत्मसमर्पण के लिए अर्जी भी डाली है।
लगातार मिल रही सफलताओं के बाद एसआइटी के विवेचकों ने एक दोबारा से पुराने दस्तावेज खंगालने शुरू किए हैं। इस रिपोर्ट में साफ लिखा है कि डी ब्लाक गोविंदनगर नगर में हुए हत्याकांड में एक ही परिवार के 13 सिखों की हत्याएं हुई थी, उस घटना में भी वह शामिल था। यह घटना दोपहर करीब तीन बजे ही है। दादानगर में हुई दो घटनाओं और गोविंदनगर में हुए 11 हत्याओं वाले नरसंहार में भी राघवेंद्र सिंह शामिल था, ऐसे बयान गवाहों ने एसआइटी को दिए हैं।
एसआइटी के विवेचकों का दावा है कि रंगनाथ मिश्रा आयोग में कई जगहों पर राघवेंद्र सिंह का नाम आया है। इससे साफ लगा रहा है कि वह बसों में दंगाई भरकर कानपुर लाया। सबसे पहले उसने निराला नगर, यहां से दादानगर और सबसे आखिर में वह डी ब्लाक गोविंदनगर पहुंचा।
यह था मामला
31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में सिखों के विरुद्ध हिंसा शुरू हो गया था। कानपुर में दंगाइयों ने 127 सिखों को मौत के घाट उतार दिया था, जिसके बाद शहर के विभिन्न थानों में हत्या लूट और डकैती जैसी गंभीर धाराओं में 40 मुकदमे दर्ज हुए थे।
जांच के बाद पुलिस ने 29 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। 27 मई 2019 को इस मामले में प्रदेश सरकार ने एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी ने पिछले दिनों आरोपितों की गिरफ्तारियां शुरू की हैं। निराला नगर हत्याकांड से जुड़े छह आरोपितों को अब तक गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।