प्रदेश में कंपनियों के पंजीयन में 50 फीसद का इजाफा, विशेषज्ञों ने माना आर्थिक गतिविधियों के लिए शुभ संकेत

पिछले साल फरवरी में 1045 पंजीयन हुए थे इस वर्ष 1533 हुईं पंजीकृत। जनवरी 2021 में 1057 कंपनियों का पंजीयन बढ़ेंगी आर्थिक गतिविधियां। विदेश में रहने वाले भारतीयों को भी वन पर्सन कंपनी खोलने के अवसर दिए गए हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sat, 13 Mar 2021 09:47 AM (IST) Updated:Sat, 13 Mar 2021 09:47 AM (IST)
प्रदेश में कंपनियों के पंजीयन में 50 फीसद का इजाफा, विशेषज्ञों ने माना आर्थिक गतिविधियों के लिए शुभ संकेत
कंपनी एक्ट के तमाम मामलों में सजा का प्रविधान खत्म कर जुर्माने तक ही सीमित कर दिया गया है।

कानपुर, [राजीव सक्सेना]। आम बजट में राहतों की घोषणा के बाद से पिछले साल की तुलना में इस वर्ष प्रदेश में नई कंपनियों के गठन और पंजीयन में 50 फीसद का इजाफा हुआ है। यह स्थिति तब है, जब पिछले वर्ष फरवरी तक कोरोना का बाजार पर कोई असर भी नहीं था। इससे तेजी से आर्थिक गतिविधियां बढऩे की संभावनाओं को बल मिला है।

देश में आर्थिक माहौल को रफ्तार देने को बजट में वन पर्सन कंपनियों को नई छूट मिली है। अभी तक वो भारतीय ही वन पर्सन कंपनी बना सकते थे, जो वर्ष भर में देश में कम से कम 182 दिन रहे हों, लेकिन अब यह समय सीमा घटा कर 120 दिन की कर दी गई है। उनकी पूंजी सीमा में भी बड़ी छूट दी गई है। विदेश में रहने वाले भारतीयों को भी वन पर्सन कंपनी खोलने के अवसर दिए गए हैं। साथ ही कंपनी एक्ट के तमाम मामलों में सजा का प्रविधान खत्म कर जुर्माने तक ही सीमित कर दिया गया है। एक फरवरी 2021 को आए बजट में इन नई छूट से उत्साहित लोगों ने कंपनियों के पंजीयन के प्रति रुचि दिखाई है। जनवरी 2021 में कंपनियों की पंजीयन की स्थिति वही थी, जो पिछले वर्ष थी। पिछले साल फरवरी में उत्तर प्रदेश में 1,045 कंपनियों का पंजीयन हुआ था। वहीं, इस साल जनवरी में 1,057 कंपनियां पंजीकृत हुई हैं। इसके ठीक बाद बजट का असर देखें तो फरवरी में यह संख्या 1,533 के आंकड़े पर पहुंच गई है।  

इनका ये है कहना  कंपनियों के लिए बजट में राहत की घोषणाओं से ही पंजीयन में वृद्धि हुई है। इससे देश में आर्थिक गतिविधियां और तेज होंगी।  - मनीष कुमार शुक्ला, चेयरमैन, कंपनी सचिव संस्थान, कानपुर चैप्टर। विदेश में रहने वाले तमाम लोग भारत में वन पर्सन कंपनी बनाना चाहते थे। अब वे इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसके साथ ही सजा का प्रविधान हटाने का भी असर है।    - गोपेश साहू, पूर्व चेयरमैन, कंपनी सचिव संस्थान, कानपुर चैप्टर।  

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