कानपुर में रखीं 77 मिसाइलों को डिफ्यूज करने से बम स्क्वायड का इनकार, अब बुलाई जाएगी सेना

जूही कंटेनर डिपो में एक कंटेनर के अंदर सात जीवित व 70 मिसफायर मिसाइल रखी हैं निष्क्रिय कराने के लिए रक्षा मंत्रालय को पत्र भेजा गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 17 Sep 2020 08:30 AM (IST) Updated:Thu, 17 Sep 2020 01:42 PM (IST)
कानपुर में रखीं 77 मिसाइलों को डिफ्यूज करने से बम स्क्वायड का इनकार, अब बुलाई जाएगी सेना
कानपुर में रखीं 77 मिसाइलों को डिफ्यूज करने से बम स्क्वायड का इनकार, अब बुलाई जाएगी सेना

कानपुर, जेएनएन। जूही इनलैंड कंटेनर डिपो मेें डेढ़ दशक से रखीं मिसाइलें निष्क्रिय करने के लिए शासन ने अब रक्षा मंत्रालय को पत्र भेजा है। स्थानीय स्तर पर पुलिस का बम विस्फोटक दस्ता देखने के बाद ही इन्हें निष्क्रिय करने से इन्कार कर चुका था। अधिकारी भी मान रहे थे कि सिर्फ सेना के विशेषज्ञ ही इन मिसाइलों को निष्क्रिय कर सकते हैं।

15 वर्ष पहले यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) से सात जीवित और 70 मिसफायर मिसाइलें आ गई थीं। पिछले डेढ़ दशक से इस मामले में समितियां बनने के अलावा कुछ नहीं हुआ लेकिन कस्टम आयुक्त वीपी शुक्ला के पत्र के बाद अगस्त से इस मामले में तेजी आई और अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इन्हें 15 सितंबर तक निष्क्रिय करने के निर्देश दिए थे।

स्थानीय स्तर से शासन को रिपोर्ट भेजी गई कि यहां कोई भी एजेंसी इन मिसाइलों को निष्क्रिय नहीं कर सकती। सेना के पास ही ऐसी मिसाइलों को निष्क्रिय करने की विशेषज्ञता होती है।, इसलिए सेना से ही आग्रह किया जाए। इसके बाद अपर मुख्य सचिव ने रक्षा मंत्रालय को पत्र भेजकर इन मिसाइलों को निष्क्रिय करने का आग्रह किया है।

कैसे आईं मिसाइलें

बताया गया है कि शिकोहाबाद की प्रह्लाद स्टील ने जनवरी 2005 में संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) से मेटल स्क्रैप मंगाया था, जिसके कंटेनर कानपुर के जूही आइसीडी में रखे गए थे। किसी विस्फोटक की आशंका होने पर तब बम स्क्वायड से जांच कराई गई थी तो 13 कंटेनर की जांच में अफसरों के होश उड़ गए थे। कंटेनरों में 75 मिसाइलें होने की पुष्ट होने पर जब्त किया गया था।

उस समय भी बस निरोधक दस्ते ने उन्हें डिस्पोज ऑफ करने से हाथ खड़े कर दिए थे क्योंकि जरा सी चूक होने पर मिसाइल ब्लास्ट होने खतरा था। एक ब्लॉस्ट से अन्य भी उसके साथ ब्लास्ट होने का खतरा बना है। तबसे सभी मिसाइलें कंटेनर के अंदर गोविदपुरी पुल के पास घनी आबादी के बीच जूही इनलैंड कंटेनर डिपो (आइसीडी) में रखी हैं। यहीं से दिल्ली-हावड़ा रूट पर रोजानों सैकड़ों ट्रेनों का आवागमन रहता है।   अपर मुख्य सचिव ने रक्षा मंत्रालय को मिसाइलें को निष्क्रिय कराने के लिए पत्र लिखा है। सेना के जरिए इन मिसाइलों के निस्तारण का प्रयास है। -आलोक तिवारी, जिलाधिकारी कानपुर नगर

chat bot
आपका साथी