पीएचडी प्रवेश परीक्षा को विवि की मंजूरी

जागरण संवाददाता, कानपुर : छत्रपति शाहू जी महाराज (सीएसजेएम) विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने पीएचडी अध

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Mar 2017 01:01 AM (IST) Updated:Thu, 30 Mar 2017 01:01 AM (IST)
पीएचडी प्रवेश परीक्षा को विवि की मंजूरी
पीएचडी प्रवेश परीक्षा को विवि की मंजूरी

जागरण संवाददाता, कानपुर : छत्रपति शाहू जी महाराज (सीएसजेएम) विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने पीएचडी अध्यादेश को मंजूरी दे दी। विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा के आधार पर छात्रों को पीएचडी में दाखिला दिया जाएगा। बुधवार को हुई बैठक में पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए तैयार किए गए मसौदे पर मुहर लगा दी गई। रिसर्च मैथोलॉजी व मूल विषय को प्रवेश परीक्षा में शामिल किया गया है। प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को छह माह के फाउंडेशन कोर्स से गुजरना होगा। अब पीएचडी अध्यादेश को राजभवन भेजा जाएगा।

छह माह के फाउंडेशन कोर्स में भी इस बार कई बदलाव किए गए हैं। इस कोर्स में छात्रों को रिसर्च मैथोलॉजी के अलावा लिए गए विषय की एडवांस स्टडी करनी होगी। पढ़ाई के दौरान विषयों में कुछ नया तलाशना होगा। वहीं पीएचडी पूरी करने के लिए 24 माह के समय को बढ़ाकर 36 माह कर दिया गया है। अब छात्र कम से कम तीन वर्ष में पीएचडी पूरी कर सकेंगे।

दो अनुमोदित शिक्षक होने पर बनाए जाएंगे सुपरवाइजर

इंफ्रास्ट्रक्चर व सुपरवाइजर न होने पर कालेज को अध्ययन केंद्र नहीं बनाया जाएगा, जबकि ऐसे किसी कालेज में एक अनुमोदित शिक्षक होगा तो उसे सुपरवाइजर नहीं बनाया जाएगा। संबंधित विषय में कम से कम दो योग्य शिक्षक होने की अनिवार्यता रखी गई है। पीएचडी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए छात्रों की थीसिस के मूल्यांकन के लिए तीन परीक्षकों को शामिल किया जाएगा। वहीं पीएचडी में विषयों की संख्या बढ़ाए जाने पर भी समिति ने अपनी सहमति दे दी।

तीन नए कोर्स होंगे शुरू

विश्वविद्यालय कैंपस में सत्र 2017-18 में एमएससी मैथ्स व एमएससी इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री के दो नए कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा छात्र एलएलएम की पढ़ाई भी विश्वविद्यालय कैंपस में कर सकेंगे। अभी तक एलएलएम की पढ़ाई विश्वविद्यालय से संबद्ध किसी भी कालेज में नहीं थी।

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