गेहूं बेच दी रिश्वत तो प्रसूता को मिली छुट्टी

एक तरफ सरकार व स्वास्थ्य विभाग संस्थागत प्रसव पर जोर दे रहा है। इसके लिए तमाम योजनाएं संचालित कर गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित करने का काम किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Jul 2019 10:34 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jul 2019 06:26 AM (IST)
गेहूं बेच दी रिश्वत तो प्रसूता को मिली छुट्टी
गेहूं बेच दी रिश्वत तो प्रसूता को मिली छुट्टी

संवाद सूत्र, जलालाबाद (कन्नौज) :

सरकार जहां गरीबों के निश्शुल्क इलाज और सुरक्षित संस्थागत प्रसव आदि योजनाओं पर दिल खोलकर खर्च कर रही है, वहीं अस्पताल में स्टाफ गरीबों को लूटने में पीछे नहीं है। ऐसा ही मामला जलालाबाद सीएचसी में सामने आया है। यहां एक प्रसूता को प्रसव के बाद तब तक छुट्टी नहीं दी गई जब तक उससे रिश्वत नहीं वसूल ली गई। गरीब ने गेहूं बेचकर रिश्वत की रकम दी तो कहीं जाकर उसकी पत्नी को सीएचसी से छुट्टी मिली।

जलालाबाद की ग्राम पंचायत तिलपई निवासी लालू प्रसाद अपनी पत्नी माधुरी जाटव को प्रसव पीड़ा होने पर 28 जून को सीएचसी ले गए। सुरक्षित प्रसव के बाद स्टाफ नर्स ने लालू प्रसाद से पत्नी की छुट्टी कराने के नाम पर एक हजार रुपये मांगे। लालू ने गरीबी का हवाला देकर कम रुपये लेने को कहा लेकिन, स्टाफ नर्स शैलेष और प्रभा नहीं मानीं। रुपये न देने तक छुट्टी न करने की धमकी दी। लालू ने घर पहुंचकर गेहूं बेचा और रुपये का इंतजाम किया। स्टाफ नर्स को 400 रुपये दिए, तब जाकर पत्नी की छुट्टी हो पाई। पीड़ित ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है। यह भी आरोप लगाया है कि सीएचसी में तैनात चिकित्सा अधीक्षक डॉ. महेंद्र भान सिंह की शह पर वसूली चल रही है।

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एसीएमओ को जांच, तीन दिन का समय

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. कृष्ण स्वरूप ने बताया कि ऐसा हुआ है तो गंभीर अपराध है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. धीरेंद्र आर्या को जांच सौंपी गई है। तीन दिन में जांच रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। इसके बाद आरोपितों पर कार्रवाई तय होगी।

-डा. कृष्ण स्वरूप, सीएमओ

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-मुझ पर लगे आरोप गलत हैं। स्टाफ नर्स के रुपये लेने की जांच कराएंगे। उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट देंगे। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ. महेंद्र भान सिंह, चिकित्सा अधीक्षक

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