सहकारी समिति पर आठ दिनों से नहीं है डीएपी व एनपीके

-समितियों पर 17 अक्टूबर को स्टाक हो गया था निल यूरिया रखी -दुकानों पर किसानों को मजबूर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 07:42 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 07:42 PM (IST)
सहकारी समिति पर आठ दिनों से नहीं है डीएपी व एनपीके
सहकारी समिति पर आठ दिनों से नहीं है डीएपी व एनपीके

-समितियों पर 17 अक्टूबर को स्टाक हो गया था निल, यूरिया रखी

-दुकानों पर किसानों को मजबूर कर वसूले जा रहे 14 से 15 सौ

संवाद सहयोगी, तिर्वा : बारिश ने इस बार किसानों को बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया। खेतों में दो-दो बार डीएपी खरीद कर डाल चुके और अब तीसरी बार के लिए दुकान व समितियों पर चक्कर काट रहे। समितियों पर 17 अक्टूबर से डीएपी व एनपीके नहीं है, जबकि यूरिया का स्टाक भरा है।

शनिवार दोपहर 12.35 बजे पर तिर्वागंज स्थित साधन सहकारी समिति पर जागरण टीम ने खाद की किल्लत को परखा है। समिति पर केंद्र प्रभारी बृजेश चंद्र कागजों को दुरस्त करने में लगे थे। छह दिन पूर्व हुई बारिश में गोदाम में पानी भर गया था और अब सूखने पर गोदाम को खोलकर बैठे थे। गोदाम में तीन बोरी डीएपी की बोरी मिली। उसने पानी टपक रखा था। बोरी को मैदान में सूखने के लिए रख दिया और भीगे हुए कागजों को भी मैदान में बिखेरा। उसी बीच बाइक से कन्नौज के आसकरनपुरवा गांव निवासी अखिलेश कुमार पहुंचे। उन्होंने केंद्र प्रभारी से डीएपी खरीदने की बात की। केंद्र प्रभारी ने इन्कार कर दिया और तीन दिन बाद आने की बात कही। साथ ही बोले कि आपकी तहसील कन्नौज है, तो उसी क्षेत्र की समितियों पर पता करें। अखिलेश ने जबाव देते हुए कहा कि जब वहां नहीं मिली, तब यहां आए हैं। अखिलेश वहां से जा भी नहीं पाए कि ठठिया के खानपुर गांव निवासी रिकू व बबलू एक बाइक पर बैठकर पहुंच गए। बोले, आलू में तीसरी बार डीएपी डालनी है। केंद्र प्रभारी ने बात सुनने से पहले ही स्टाक निल होने की बात कह दी। इसके बाद टीम चंदियापुर समिति पर पहुंची। टीम जब केंद्र के बाहर आई तो तीन किसान देखकर हंसने लगे। बोले, आप लोग पेपर बाले हैं। जब किसानों ने बात की तो बताया कि अब समिति वाले ठीक से बात कर लेते हैं। जब से अखबार में कालाबाजारी व किल्लत की खबरें छपी। किसानों ने नाम प्रेमचंद्र निवासी महतेपुरवा, सुरजीत वर्मा निवासी किनौरा व ललित राजपूत निवासी गाजीपुरवा बताया। इसके बाद किसान बोले, कि पानी ने किसानों को बर्बाद कर दिया। दो-दो बार आलू खेतों में रखा और 13 से 15 सौ में यूरिया खरीदी। अब तीसरी बार फिर आलू की बोवाई करेंगे। इसके लिए डीएपी की दौड़ लगा रहे। इसके बाद किसान अपनी साइकिलों से घरों को रवाना हो गए। केंद्र प्रभारी ने बताया कि डिमांड की जा चुकी है और तीन दिन में डीएपी व एनपीके आ जाएगी। स्टाक आने पर वितरण शुरू कर दिया जाएगा।

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