सरकारी नौकरी सफलता का पैमाना नहीं : राज्यपाल

फोटो : 11 एसएचवाइ 24 झाँसी : दीक्षान्त समारोह में अतिथियों को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करतीं कुल

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Jan 2022 09:02 PM (IST) Updated:Tue, 11 Jan 2022 09:29 PM (IST)
सरकारी नौकरी सफलता का पैमाना नहीं : राज्यपाल
सरकारी नौकरी सफलता का पैमाना नहीं : राज्यपाल

फोटो : 11 एसएचवाइ 24

झाँसी : दीक्षान्त समारोह में अतिथियों को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करतीं कुलाधिपति/राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल।

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फोटो : 11 एसएचवाइ 3

झाँसी : 26वें दीक्षान्त समारोह में शोभायात्रा की अगुआई करते कुलसचिव संग अतिथि व अन्य।

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26वाँ बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय दीक्षान्त समारोह

- वर्तमान सत्र के पीएचडी शोधार्थियों को मिलेगी छात्रवृत्ति

झाँसी : मंगलवार को बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय का 26वाँ दीक्षान्त समारोह विश्वविद्यालय के गाँधी सभागार में आयोजित किया गया। इसमें वर्चुअल माध्यम से जुड़ीं कुलाधिपति/राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने अध्यक्षता करते हुए इस बार के समारोह में पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकारी नौकरी पा लेना आपकी सफलता का पैमाना नहीं है। इस छात्र जीवन से आगे युवाओं को देश को आगे लेकर जाना है जो उन्नीसवीं सदी का श्रेष्ठ भारत होगा। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने पहुँचे नीति आयोग के सदस्य, जेएनयू के कुलाधिपति और वैज्ञानिक पद्मभूषण डॉ. विजय कुमार सारस्वत ने अपने दीक्षान्त भाषण में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के बढ़ते ़कद की सराहना करते हुए विद्यार्थियों को छात्र और निजी जीवन में सफलता का मन्त्र दिया। इससे पहले कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय ने विश्वविद्यालय की प्रगति और छात्रों के लिए संचालित कार्यक्रम से उपस्थित अतिथियों को अवगत कराया।

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए इस बार बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षान्त समारोह में सीमित संख्या में अतिथियों को आमन्त्रित किया गया था। वहीं, कुलाधिपति/उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने वर्चुअल माध्यम से जुड़ते हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलाधिपति ने झाँसी की शौर्य भूमि का जिक्र करते हुए रानी लक्ष्मीबाई, वीरागना झलकारीबाई, बुन्देलों, आल्हा-उदल आदि को अपनी श्रद्धाजलि अर्पित की। इसके साथ ही 'जय जवान-जय किसान' का नारा देने वाले भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने झाँसी की रानी के पराक्रम, शौर्य और निर्भीकता का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने लगभग 200 साल पहले अंग्रे़जों को भारत की सशक्त नारी के साहस और आत्मबल से परिचय कराया। पदक पाने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा किस विषय में प्राप्त की गई, यह महत्वपूर्ण नहीं है - महत्वपूर्ण यह है कि हम अपने लक्ष्य को स्पष्ट रखते हुए कठिन परिश्रम और सकारात्मक सोच से सफलता अर्जित करें। कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का मानना था कि युवा शक्ति को अगर शिक्षा से सशक्त बनाया जाए तो निश्चित ही भारत वैश्विक स्तर पर अग्रणी राष्ट्र होगा। युवाओं का आह्वान करते हुए कुलाधिपति ने कहा कि सरकारी नौकरी के भ्रम को त्यागते हुए उद्यमिता और नवाचार के माध्यम से स्वरो़जगार को अपनाना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। इस दौरान उन्होंने युवाओं से आगामी विधानसभा चुनाव में बढ़-चढ़कर मतदान करने को कहा। दीक्षान्त समारोह के मुख्य वक्ता पद्म भूषण डॉ. विजय कुमार सारस्वत ने विज्ञान और युवा की भूमिका विषय पर अपना दीक्षान्त उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारत को विकासशील राष्ट्र से विकसित राष्ट्र की श्रेणी में लाना है तो हमें युवाओं का ऐसा मानव संसाधन तैयार करना होगा जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण को मानव जीवन के लिए आवश्यक सभी कार्य में अपना सके। हमारा जीवन तभी सफल है जब यह राष्ट्र और उसके जनकल्याण में निहित हो। इससे पहले कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत एवं बुन्देलखण्ड की प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में संचालित सभी पाठ्यक्रम अपनी समकालीन उपादेयता के साथ-साथ विद्यार्थियों के भीतर एक रोजगारपरक दक्षता भी पैदा कर रहे हैं। 26वें दीक्षान्त समारोह में प्रो. सीबी सिंह ने कला संकाय, प्रो. आरके सैनी ने विज्ञान संकाय, प्रो. प्रतीक अग्रवाल ने वाणिच्य संकाय, डॉ. एलसी साहू ने विधि संकाय, डॉ. नीलम कुमार सिंह ने कृषि संकाय एवं बुन्देलखण्ड विद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने शिक्षा संकाय के छात्रों को विद्यावाचस्पति पीएचडी की उपाधि के लिए प्रस्तुत किया, जिन्हें कुलपति व मुख्य अतिथि ने पीएचडी की उपाधि प्रदान की। समारोह में 106 शोध छात्रों को पीएचडी कि उपाधि प्रदान की गयी। कार्यक्रम की शुरूआत में शोभा यात्रा के सभागार में पहुँचने पर विद्यार्थियों ने कुलगीत प्रस्तुत करते हुए अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान डॉ. मुन्ना तिवारी द्वारा सम्पादित दीक्षान्त स्मारिका एवं डॉ. यशोधरा द्वारा सम्पादित दीक्षान्त बुलेटिन का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। प्रो. अर्चना वर्मा एवं डॉ. अचला पाण्डेय ने संचालन किया। समारोह में रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरविन्द कुमार के साथ ही परीक्षा नियन्त्रक राज बहादुर, वित्तीय अधिकारी वसी मोहम्मद, बीआइइटी के निदेशक प्रो. पुलक चन्द पाण्डेय, विवेक अग्रवाल, प्रो. सुनील काबिया, जागरण के निदेशक यशोवर्धन गुप्त, सम्पादक सुरेन्द्र सिंह, सहित सभी संकायाध्यक्ष, आचार्य, शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय शिक्षा देने पर हो रहा काम

दीक्षान्त समारोह में विश्वविद्यालय की प्रगति और आने वाले समय में विद्यार्थियों के लिए रोजगार के कई रास्ते खोलने को लेकर कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय ने विस्तार से जानकारी दी। कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार विश्वविद्यालय चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, सॉफ्ट स्किल, क्रिएटिव थिंकिंग, क्रिएटिव स्किल डिवेलपमेण्ट को पाठ्यक्रम का अभिन्न हिस्सा बना रहा है। विश्वविद्यालय को टेक्यूप एवं रूसा के अन्तर्गत लगभग 36 करोड़ वित्तीय अनुदान प्राप्त हुआ है, जिसके माध्यम से अनेक आधुनिक लैब का निर्माण किया गया है। शोध के क्षेत्र में भी डीएसटी, आइसीएआर, आइसीएमआर, बार्क, डीबीटी एआइसीटीई से प्राप्त अनुदान से शोध कार्य हो रहे हैं। सम्पूर्ण परीक्षा एवं मूल्याकन प्रणाली डिजिटल प्लैटफॉर्म पर लाई गई है। बताया कि पुरातन छात्रों की मदद से विश्वविद्यालय में रोजगार, प्रशिक्षण, शिक्षा, उद्यमिता, नवाचार और स्टार्टअप के विभिन्न क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने की योजना है।

डिजिलॉकर पर अपलोड कीं 60 ह़जार उपाधि

शिक्षा के बदलते स्वरूप के साथ ही अब उपाधि भी डिजिटल प्लैटफॉर्म पर आ गई हैं। मंगलवार को बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षान्त समारोह में कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय ने औपचारिक तौर पर विश्वविद्यालय कैम्पस और उससे सम्बद्ध महाविद्यालयों के 2021 की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए 59,945 विद्यार्थियों की उपाधि डिजिलॉकर पर अपलोड कीं। बता दें कि डिजिलॉकर पर मौजूद उपाधि विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर सिद्ध होगी। यानी, अब किसी छात्र की डिग्री से छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी और उसको कहीं भी, कभी भी देखा जा सकेगा।

फाइल : वसीम शेख

समय : 07 : 10

11 जनवरी 2022

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