श्रमिकों को रास नहीं आ रही मनरेगा की मजदूरी

शासन स्तर से मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बढ़ा दी गई है। नए निर्देश के तहत पहले जहां 1

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 May 2020 05:04 PM (IST) Updated:Wed, 20 May 2020 05:04 PM (IST)
श्रमिकों को रास नहीं आ रही मनरेगा की मजदूरी
श्रमिकों को रास नहीं आ रही मनरेगा की मजदूरी

जागरण संवाददाता, जौनपुर : शासन स्तर से मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बढ़ा दी गई है। नए निर्देश के तहत पहले जहां 184 रुपये एक मजदूर को दिया जाता था तो अब 201 रुपये दिए जाएंगे। शासन से मनरेगा मजदूरों को लुभाने के लिए ठोस कदम उठाया गया है, जिससे काफी संख्या में मजदूर इससे जुड़ सकें। फिलहाल यह मजदूरी श्रमिकों को रास नहीं आ रही है। रोजाना एक लाख मानव दिवस सृजित करने के लक्ष्य के सापेक्ष जनपद में 55 हजार श्रमिक काम कर रहे हैं।

शासन स्तर से मजदूरों की नई धनराशि एक अप्रैल से बढ़ाई गई है। वहीं अन्यत्र कार्य करने वाले श्रमिकों को मजदूरी के तौर पर 450 से 500 रुपये मिल जा रहा है। ऐसे में गांव में श्रमिक मनरेगा की जगह अन्य कार्य करना ज्यादा बेहतर समझ रहे हैं। शायद इसी का परिणाम है कि एक लाख मानव दिवस सृजित करने के सापेक्ष आधे लोगों को ही मजदूरी दी जा सकी है। इनकी संख्या बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से प्रत्येक ब्लाक को एक सप्ताह के अंदर एक हजार जाबकार्ड धारक बनाने का लक्ष्य दिया गया है। उनसे कहा गया है कि इस लक्ष्य को हासिल करके श्रमिकों को मनरेगा की तरफ आकर्षित किया जाए।

इस बाबत उपायुक्त मनरेगा भूपेंद्र सिंह ने बताया कि गैर प्रांतों से आने वाले मजदूरों को मनरेगा से काम देने का प्रयास किया जा रहा है। उनके आवेदन के 24 घंटे के अंदर उनको काम देने का लक्ष्य है। वहीं सीडीओ की तरफ से सभी ब्लाक को एक सप्ताह के अंदर एक हजार जॉब कार्ड धारक बनाने का निर्देश दिया गया है।

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