नाम है राजकीय विद्यालय, छात्रों की संख्या दहाई में भी नहीं

शिक्षा की गुणवत्ता का नमूना देखना हो तो जौनपुर आइए। शिक्षा से वंचित गांवों में अच्छी शिक्षा देने के लिए माध्यमिक शिक्षा अभियान चलाता जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना में सुदूर गांवों में उच्चीकृत राजकीय विद्यालय खोलने के साथ ही पूर्व में खुले माध्यमिक व राजकीय विद्यालयों को संसाधनों से लैस करना है। कहने को यहां चार राजकीय बालिका इंटर कालेज और 27 उच्चीकृत माध्यमिक विद्यालय खोले गए हैं। लेकिन नाम बड़े और दर्शन छोटेकहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। सुदूर ग्रामीणांचलों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा के उद्देश्य से खुले इन विद्यालयों में संस्कृत के शिक्षक अंग्रेजी पढ़ाने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। वहीं अधिकांश स्कूलों में छात्रों का आंकड़ा 50 भी नहीं पहुंच पाया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 05:40 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 05:40 PM (IST)
नाम है राजकीय विद्यालय, छात्रों की संख्या दहाई में भी नहीं
नाम है राजकीय विद्यालय, छात्रों की संख्या दहाई में भी नहीं

जागरण संवाददाता, जौनपुर: शिक्षा की गुणवत्ता का नमूना देखना हो तो जौनपुर आइए। शिक्षा से वंचित गांवों में अच्छी शिक्षा देने के लिए माध्यमिक शिक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना में सुदूर गांवों में उच्चीकृत राजकीय विद्यालय खोलने के साथ ही पूर्व में खुले माध्यमिक व राजकीय विद्यालयों को संसाधनों से लैस करना है। कहने को यहां चार राजकीय बालिका इंटर कालेज और 27 उच्चीकृत माध्यमिक विद्यालय हैं लेकिन नाम बड़े और दर्शन छोटे कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। सुदूर ग्रामीणांचलों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा के उद्देश्य से खुले इन विद्यालयों में संस्कृत के शिक्षक अंग्रेजी पढ़ाने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। वहीं अधिकांश स्कूलों में छात्रों का आंकड़ा 50 भी नहीं पहुंच पाया है।

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खास मौके पर ही खुलता है राजकीय विद्यालय का ताला

जनपद का एक ऐसा राजकीय विद्यालय है जिसका ताला सिर्फ खास अवसर पर ही खुलता है। जी हां! यह सुनने में भले ही अटपटा लग रहा लेकिन सोलह आने सच है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लाखों के भवन सहित संसाधनों से लैस इस विद्यालय में एक प्रधानाचार्य व क्लर्क की तैनाती तो है लेकिन छात्रों की संख्या दहाई तक नहीं पहुंची। हम बात कर रहे उच्चीकृत राजकीय विद्यालय पोरईकला की, जहां अभिभावक लाडलों का प्रवेश कराकर अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। जागरण टीम गुरुवार को 12 बजे विद्यालय पहुंची तो यहां ताला लटका हुआ था। आस-पास के लोगों ने पूछने पर बताया कि विद्यालय माह में एक-दो दिन ही खुलता है। किसी अधिकारी के आने की सूचना, आवश्यक कार्यालयीय कार्य, वेतन बिल बनाने आदि के लिए ताला खोला जाता है। यहां कक्षा नौ में 13 व हाईस्कूल में पंजीकृत 10 हैं। अभिभावक बच्चों की परवाह के चलते दूसरे विद्यालय में पढ़ने को भेज रहे हैं।

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केस-1..

खुटहन राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डिहियां में कक्षा नौ में 9 व कक्षा 10 में 11 छात्र नामांकित हैं। यहां मात्र एक शिक्षिका प्रभारी प्रधानाचार्य दीप्ती सिंह ही तैनात हैं। वे गृह विज्ञान की शिक्षिका हैं। हाईस्कूल के छात्र गणित, विज्ञान व अंग्रेजी कैसे पढ़ते होंगे, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं उनके अवकाश पर जाने के बाद विद्यालय बंद कर दिया जाता है। केस-2..

राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तरहटी में एक शिक्षक अंग्रेजी विषय के तैनात हैं। यहां भी कक्षा नौ में 9 व कक्षा दस में 11 छात्र कुल 20 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। यहां भी गणित, विज्ञान आदि विषय के लिए छात्रों को दूसरों का सहारा लेना पड़ता है। शिक्षकों की कमी के कारण अभिभावक नामांकन नहीं करा रहे हैं।

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ये हैं एकल राजकीय विद्यालय..

राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डिहिया खुटहन, पोरईकला शाहगंज, नरहन केराकत, तरहटी मुंगराबादशाहपुर, सरायमोहउद्दीनपुर सुईंथाकला, सुरहुरपुर सिरकोनी, बदलापुर खुर्द। यहां हाईस्कूल में नहीं है दहाई में छात्र संख्या-

राजकीय ग‌र्ल्स इंटर कालेज जफराबाद-6

राजकीय हाईस्कूल कसेरू रामपुर-3

उच्चीकृत राजकीय विद्यालय सराय मोहिद्दीनपुर-2

उच्चीकृत राजकीय विद्यालय बबुरीगांव-9

उच्चीकृत राजकीय विद्यालय काछीडीह-8

उच्चीकृत राजकीय विद्यालय बलरामपुर-7

उच्चीकृत राजकीय विद्यालय सुरहुरपुर-1

उच्चीकृत राजकीय विद्यालय तरहटी मुंगराबादशाहपुर-7

उच्चीकृत राजकीय विद्यालय नेवादा-1

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बोले जिम्मेदार..

उच्चीकृत राजकीय विद्यालय पोरईकला नियमित न खुलने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो यह घोर अपराध है। जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। जिले के अन्य विद्यालयों में छात्र संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

-डा. बृजेश मिश्र

जिला विद्यालय निरीक्षक।

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