अनवरत बरसात से झील बनीं सड़कें, दिनचर्या हुई प्रभावित

बीते 36 घंटे से लगातार हो रही बरसात से जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ग्रामीण ही नहीं नगर में भी कई मोहल्लों में पानी घुटनों तक भर गया। भारी बरसात से गोमती व सई नदी के तटवर्ती इलाकों में रह रहे लोग दहशत में हैं। मौसम जानकारों की मानें तो मौसम की यह बेरूखी अगले तीन दिनों तक बनी रहेगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Sep 2019 06:31 PM (IST) Updated:Fri, 27 Sep 2019 07:35 PM (IST)
अनवरत बरसात से झील बनीं सड़कें, दिनचर्या हुई प्रभावित
अनवरत बरसात से झील बनीं सड़कें, दिनचर्या हुई प्रभावित

जागरण संवाददाता, जौनपुर: गत 36 घंटे से लगातार हो रही बरसात से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। ग्रामीण ही नहीं नगर क्षेत्रों के भी कई मोहल्लों में पानी घुटनों तक भर गया है। सड़कें झील में तब्दील हो गई हैं। भारी बरसात से गोमती व सई नदी के तटवर्ती इलाकों में रह रहे लोग दहशत में हैं। मौसम जानकारों की मानें तो मौसम की यह रुख अगले तीन दिनों तक इसी तरह से बना रहेगा। सभी दावों की खुली पोल

इस बरसात ने नालों की सफाई को लेकर अब तक किए गए सभी दावों की पोल खोल दी है। मोहल्ले की सड़कें झील बनी हुई हैं। निचले इलाकों में तो पानी कई लोगों के घरों में घुस गया। सबसे खराब स्थिति नगर के कालीकुत्ती, ईशापुर, रसूलाबाद, अहियापुर, कोतवाली मछलीशहर पड़ाव व ओलनन्दगंज में देखने को मिली। जहां जलजमाव के चलते लोगों को पूरे दिन परेशान होना पड़ा। गोमती का भी बढ़ रहा जलस्तर

बरसात की वजह से गोमती व सई नदी का जलस्तर भी बढ़ते हुए 14 फिट पहुंच गया है। पानी बढ़ने से गोपी व हनुमान घाट की सीढि़यां पूरी तरह से डूब गई हैं। वहीं तटवर्ती इलाकों में भी पानी पहुंच गया है। इसके साथ ही जहां अभी पानी नहीं पहुंचा है वहां के लोगों में भय व्याप्त हो गया है। सड़कें रहीं सूनी, बाजार में पसरा सन्नाटा

भारी बरसात से न सिर्फ सड़कें सूनीं दिखीं, बल्कि बाजार में भी सन्नाटा पसरा रहा। बिगड़े मौसम के बीच अधिकतर लोग घरों से नहीं निकले, जबकि कामकाजी लोगों को कार्यालय तक पहुंचने को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। गौराबादशाहपुर प्रतिनिधि के अनुसार: बाजार के बंजारेपुर, बारी मार्ग लोगों को भारी फजीहतों का सामना करना पड़ा। साथ ही गजना गांव के पास फोरलेन मार्ग पर बन रहे ब्रिज के नीचे पानी भर जाने से आवागमन बंद रहा।

सुरेरी प्रतिनिधि के अनुसार: भारी बरसात की वजह से बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। लोगों को पूरे दिन परेशान होते देखा गया।

मुफ्तीगंज प्रतिनिधि के अनुसार: तेज बारिश से आजाद नगर, बेलांव व देवकली बाजार की सड़कें झील में तब्दील रहीं। सिगरामऊ प्रतिनिधि के अनुसार: बाजार के महाकाली मार्ग, स्टेशन मार्ग, लालगंज मार्ग लोगों पहुंचने में भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा रजनीपुर व साढ़ापुर गांव के पास फोरलेन पर बन रहे ब्रिज के नीचे पानी भरने से मार्ग बंद रहा।

सिरकोनी प्रतिनिधि के अनुसार: राजेपुर गांव के समीप सई-गोमती के संगम स्थित रामेश्वरम धाम की दीवार टूट गई।

चंदवक प्रतिनिधि के अनुसार: बारिश की वजह से क्षेत्र में पशुओं के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। कई स्थानों पर गिरा पेड़

नगर के कलेक्ट्रेट मीटिग हॉल में एक पुराना पेड़ शुक्रवार को दोपहर अचानक गिर गया। इसके अलावा वाराणसी-लखनऊ मार्ग पर गिरे कई पेड़ की वजह से यातायात काफी देर तक प्रभावित रहा। बिजली ने मंदिर का गुंबद किया क्षतिग्रस्त

जलालपुर (जौनपुर): लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र त्रिलोचन के प्राचीन व ऐतिहासिक शिव मंदिर का गुबंद आकाशीय बिजली की वजह से क्षतिग्रस्त हो गया। गुरुवार की रात आरती के बाद बादलों की गर्जना के बीच तेज आवाज के साथ शिव मंदिर पर आकाशीय बिजली गिर गई। बिजली के वेग से सबसे ऊपर लगा त्रिशूल टूटकर उत्तर दिशा में 20 मीटर दूर जा गिरा। मंदिर के प्रबंधक मुरलीधर गिरी भोलेनाथ की कृपा से किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। मकान पर भी गिरी बिजली

बदलापुर (जौनपुर): नेवादा मुखलिसपुर गांव में गुरुवार की रात दो बजे दयाराम यादव के मकान पर बिजली गिरने से एक कमरा व बाउंड्रीवाल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। यह तो संयोग ही रहा कि इसकी चपेट में परिवार का कोई सदस्य नहीं आया। बिजली ने भी छोड़ा साथ

लगातार हो रही बरसात के बीच कई इलाकों की बिजली गुल है। मछलीशहर के जमालपुर फीडर से बिजली की आपूर्ति ठप है, जिससे कई गांवों में बिजली गुल है। बदलापुर क्षेत्र के कई गांवों में बीते 24 घंटे बिजली नहीं हैं। खुटहन के सुइथा खुर्द गांव के ठाकुर बस्ती में गुरुवार की रात दो खंभों के बीच लगे 440 वोल्ट के तीनों फेस के तार शार्ट-सर्किट होने से तेज चमक के साथ अचानक जमीन पर आ गिरा। संयोग अच्छा था कि उस समय तार के नीचे कोई था नहीं। तेजी बाजार के सहोदरपुर स्थित विद्युत उपकेंद्र से गत 12 घंटों से लगातार बिजली आपूर्ति ठप है, जिससे कई गांवों में पानी कि किल्लत हो गई है। इसके अलावा अन्य कई क्षेत्रों में बिजली प्रभावित है। अभी तीन दिन रहेगी स्थिति

यह बारिश सक्रिय मॉनसून की वजह से हो रही है, जिसका प्रभाव अगले तीन दिनों तक उत्तर भारत पर रहेगा। यह मॉनसून अरब सागर से चला है।

-राजीव प्रकाश, विभागाध्यक्ष, भूगोल, टीडी कॉलेज। किसानों के लिए राहत के साथ आफत भी

धान की फसल के लिए जहां यह बरसात अमृत समान है, वहीं हवा चलने की वजह से मक्का व बाजरे पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। खेतों में फसल गिरने से तमाम किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा खेतों में पानी लगने से पालक, चौराई व लौकी का फसल नष्ट हो रही है। जिससे किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई है। चौकिया धाम स्थित महन्गुपुर गांव के किसान अशोक मौर्या नें बताया कि दस बिस्वा खेत में बांस गाड़कर लौकी की खेती किया था, जिस पर पानी फिर गया। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. संदीप कनौजिया ने बताया कि अत्यधिक नमी से धान की फसल में बालियां निकल रही हैं या फसल फूल की अवस्था में है उसमें कन्डुआ रोग लगने की संभावना है। इस रोग में धान के दाने की जगह फफूद का विकास हो जाता है, जो देखने में पीले रंग के मटर के दाने जैसा होता है। उन्होंने कहा कि धान की फसल में प्रॉपिकोनाजोल दो मिली प्रति लीटर की दर से छिड़काव करने से रोक फैलने से रोका जा सकता है।

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