मच्छरजनित बीमारियों की बाढ़, तमाशाबीन मलेरिया विभाग

जनपद में मच्छरजनित बीमारियों की बाढ़ है। सरकारी व प्राइवेट अस्पताल डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों के पीड़ितों से भरे हैं। वहीं मलेरिया विभाग निरोधात्मक कार्रवाई की बजाय तमाशा देख रहा है। ईंधन न मिलने के चलते स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रवाहित इलाकों में नहीं पहुंच रही है, जिससे फा¨गग, छिड़काव, जांच आदि निरोधात्मक कार्रवाई 20 दिन से बंद हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Oct 2018 07:10 PM (IST) Updated:Mon, 22 Oct 2018 07:10 PM (IST)
मच्छरजनित बीमारियों की बाढ़, तमाशाबीन मलेरिया विभाग
मच्छरजनित बीमारियों की बाढ़, तमाशाबीन मलेरिया विभाग

जागरण संवाददाता, जौनपुर: जनपद में मच्छरजनित बीमारियों की बाढ़ है। सरकारी व प्राइवेट अस्पताल डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों के पीड़ितों से भरे हैं। वहीं मलेरिया विभाग निरोधात्मक कार्रवाई की बजाय तमाशा देख रहा है। ईंधन न मिलने के चलते स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रवाहित इलाकों में नहीं पहुंच रही है, जिससे फा¨गग, छिड़काव, जांच आदि निरोधात्मक कार्रवाई 20 दिन से बंद हैं। जिले के जिम्मेदार अधिकारी व सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि जानकारी होने के बाद भी बेपरवाह हैं।

बारिश थमते ही नगर व ग्रामीण अंचल में बीमारियों ने पूरी तरह से पांव पसार लिया है। डेंगू की चपेट में आकर छह लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में पीड़ितों के उपचार में लोग बर्बाद हो रहे हैं। सरकार के सख्त आदेश के बाद भी बीमारियों से बचाव के लिए शासन द्वारा जारी आदेश-निर्देश का जिले में अनुपालन नहीं हो रहा है। बीमारी की पुष्टि होने के बाद भी न प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंच रही है। जागरूकता और निरोधात्मक कार्रवाई भी कागज तक सीमित है। हास्यास्पद तो यह है कि संचारी रोग नियंत्रण पखवारे के भी आयोजन यहां हवा में कर दिया गया।

विभागीय सूत्रों के अनुसार विभाग को जिस पेट्रोल पंप से डीजल व पेट्रोल की आपूर्ति की जाती है उसका 22 लाख रुपये बकाया है। लंबे समय से भुगतान में हीला-हवाली किए जाने के कारण पेट्रोलपंप संचालक ने ईंधन देना बंद कर दिया है। परिणाम यह है कि फा¨गग, छिड़काव, टीकाकरण, जांच आदि कार्य 20 दिन से नहीं हो रहा है। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी मंत्री, विधायकों, सांसदों या जिले के आला अधिकारियों को नहीं है। शिकायत व गतिरोध संबंधित खबर समाचार पत्रों में प्रकाशन के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि केंद्र व प्रदेश की सरकार ने अपने पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदार अधिकारियों को कैंप लगाकर उपचार व बीमारियों से बचाव हेतु प्रचार-प्रसार का आदेश दिया है। संसाधनों की है कमी

वेक्टरजनित बीमारियों से बचाव के लिए पर्याप्त संसाधनों की भी कमी है। सूबे के बड़े जिलों में से एक जौनपुर की आबादी करीब 46 लाख है। आबादी के सापेक्ष यहां एक जिला मलेरिया अधिकारी, दो सहायक मलेरिया अधिकारी, एक वरिष्ठ प्रयोगशाला प्राविधिक, एक वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक, एक मलेरिया निरीक्षक, दो वाहन चालक, एक सुपीरियर फील्ड वर्कर और दो फील्ड वर्कर हैं। विभाग के आंकड़े में बीमारियों से पीड़ित की स्थिति:-

डेंगू की जांच हेतु बीएचयू भेजे गए नमूने-73

जांच रिपोर्ट में डेंगू पाजिटिव-36

निरोधात्मक कार्रवाई-14 स्थानों पर

मलेरिया की जांच-59910

मलेरिया के धनात्मक रोगी-96 जनपद में वेक्टरजनित बीमारियों की जानकारी मिलने के बाद प्रभावित क्षेत्रों में छिड़काव, फा¨गग, सर्वे, बुखार पीड़ितों की जांच व प्रचार-प्रसार किया जा रहा था। विगत तीन अक्टूबर से डीजल व पेट्रोल मिलना बंद हो गया है। जिसके चलते टीम नहीं जा रही है। बीएचयू से डेंगू के 36 पाजिटिव रिपोर्ट आई है, इसमें 14 स्थानों पर निरोधात्मक कार्रवाई कर दी गई है। समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। विभाग के पास जो संसाधन है उसमें बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जाता है।

वीपी ¨सह

जिला मलेरिया अधिकारी

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