छोटी उम्र में ही श्रेया बनी बड़ी सुर साधिका

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By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Nov 2018 09:52 PM (IST) Updated:Tue, 13 Nov 2018 09:52 PM (IST)
छोटी उम्र में ही श्रेया बनी बड़ी सुर साधिका
छोटी उम्र में ही श्रेया बनी बड़ी सुर साधिका

जागरण संवाददाता, जौनपुर: संगीत और गायन के प्रति दीवानगी ने छोटी सी उमर में ही श्रेया त्रिपाठी को बड़ी सुर साधिका बना दिया। लगन के बूते बिना किसी पेशेवर प्रशिक्षक की मदद के वह जी टीवी के लोकप्रिय कार्यक्रम 'सा..रे..गा..मा.. लिटिल चैंप्स' के लिए चयनित हो गई है। सिर्फ गायन नहीं पढ़ाई में भी वह बहुत ही तेज है।

मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में कार्यरत सत्यव्रत त्रिपाठी व कुशल गृहिणी वंदना त्रिपाठी की होनहार बिटिया श्रेया माउंट लिट्रा जी स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ती है। खेलने की उम्र में ही श्रेया को गायन का शौक लग गया। अंग्रेजी, गणित व विज्ञान विषयों में गहरी रुचि रखने और हमेशा अव्वल आने वाली श्रेया जब गाने में भी दिलचस्पी दिखाने लगी तो माता-पिता ने रोकने-टोकने की बजाय उसे और प्रोत्साहित किया। किसी पेशेवर प्रशिक्षक का सहयोग लेने की बजाय खुद भी गायन में लगाव रखने वाली वंदना ने श्रेया को सुर-लय-ताल की बारीकियां बताईं। फिर क्या था धीरे-धीरे नन्हीं उम्र में ही श्रेया सुर साधिका बनने की तरफ कदम बढ़ा चुकी है। गत 29 अक्टूबर को वाराणसी में जी टीवी के लिटिल चैंप्स ऑडिशन में उसने हिस्सा लेने की इच्छा जताई तो माता-पिता ने उसकी और भी हौसला आफजाई की।

प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती। लिहाजा प्रथम प्रयास में ही अपने सुर की बदौलत वह चयनित हो गई। अब वह बड़े मुकाबले यानी 24 नवंबर को दिल्ली में होने वाले मेगा ऑडिशन के लिए पूरी लगन से तैयारी कर रही है। श्रेया अपनी सफलता और प्रतिभा निखार का श्रेय अपनी मां के साथ ही विद्यालय को भी देती है। पढ़ाई व गायन के साथ ही घरेलू कामकाज में मां का हाथ भी बंटाने वाली श्रेया का सपना खूब पढ़-लिखकर प्रशासनिक अधिकारी बन देश व समाज की सेवा करना है लेकिन वह तपाक से यह भी कहती है कि संगीत तब भी उसके जीवन का अभिन्न हिस्सा बना रहेगा।

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