वायरल फीवर व टायफाइड पीड़ितों की बाढ़

बदलापुर (जौनपुर): मौसम से उतार-चढ़ाव व जगह-जगह जलभराव के कारण संक्रामक बीमारियों की बाढ़ आ गई है।

By Edited By: Publish:Wed, 24 Aug 2016 06:55 PM (IST) Updated:Wed, 24 Aug 2016 06:55 PM (IST)
वायरल फीवर व टायफाइड पीड़ितों की बाढ़

बदलापुर (जौनपुर): मौसम से उतार-चढ़ाव व जगह-जगह जलभराव के कारण संक्रामक बीमारियों की बाढ़ आ गई है। सरकारी व प्राइवेट अस्पताल मरीजों से पट गए हैं। सबसे अधिक वायरल फीवर, टायफाइड व मच्छरजनित बीमारियों से पीड़ित हैं। ग्रामीण अंचलों में चिकित्सकों की कमी का फायदा नीम-हकीम उठा रहे हैं।

अगस्त माह में हुई बारिश के कारण गांवों के आस-पास पानी भर गया है। जिससे मच्छरों की भरमार हो गई है। चपेट में आकर बड़ी संख्या में लोग मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया आदि मच्छरजनित रोगों की चपेट में आ रहे हैं। वहीं दूषित पेयजल के सेवन से टायफाइड, डायरिया, पीलिया आदि रोगों से पीड़ितों की संख्या भी बढ़ गई है।

गांव-गिरांव में बैठे नीम-हकीम जमकर मरीजों का आर्थिक दोहन कर रहे हैं। उल्टी-सीधी दवाओं के सेवन करने पर जब मरीज की हालत बिगड़ने लगती है तो उन्हें यह चिकित्सक तरह-तरह का बहाना बनाकर रेफर कर दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर जांचकर कार्रवाई करने की बात तो कही जाती है मगर सच्चाई कुछ और ही होती है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डा. संजय दूबे ने बताया कि बुखार के रोगियों में इजाफा हुआ है। अन्य दिनों की अपेक्षा दो गुना पीड़ित अस्पताल आ रहे हैं।

सर्जन न होने से मरीजों को परेशानी

बदलापुर (जौनपुर): सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बदलापुर में लगभग सात माह से सर्जन नहीं हैं। जिसके मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इमरजेंसी में वह प्राइवेट अस्पतालों की शरण में जा रहे हैं जहां उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है। सबसे अधिक समस्या प्रसूता महिलाओं को हो रहा है। सीजर की जरूरत पड़ने पर उन्हें रेफर कर दिया जाता है। क्षेत्रीय लोगों ने शीघ्र सर्जन के तैनाती की मांग की है।

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