परिवार की काउंसि¨लग आवश्यक

जौनपुर: बालश्रम के मामलों में बच्चों के परिवार की काउंसि¨लग अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। प्रत्येक जिम

By Edited By: Publish:Wed, 25 Mar 2015 09:49 PM (IST) Updated:Wed, 25 Mar 2015 09:49 PM (IST)
परिवार की काउंसि¨लग आवश्यक

जौनपुर: बालश्रम के मामलों में बच्चों के परिवार की काउंसि¨लग अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। प्रत्येक जिम्मेदार अधिकारी को ऐसे मामलों में कार्रवाई करते वक्त ये जरूर याद रखना चाहिए कि हम भी कभी बच्चे थे। इन बच्चों को वे सभी अधिकार प्राप्त हैं जो हम सभी को हैं। हमारा संविधान हमें किसी भी बच्चे से काम लेने का अधिकार नहीं देता।

यह बातें बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने बुधवार को कलेक्ट्रेट प्रेक्षागृह में बुधवार को बाल अधिकार समिति के सदस्यों के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही। इसका आयोजन वीर बहादुर ¨सह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास विभाग एवं यूनीसेफ लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने की।

विशिष्ट अतिथि पुलिस अधीक्षक वीपी श्रीवास्तव ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आज के दौर में अत्यधिक प्रासंगिकता हो गई है। उन्होंने कहा कि अच्छे बचपन से ही एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण संभव है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस प्रकल्प में पुलिस विभाग अपनी सक्रिय और सकारात्मक भूमिका अवश्य निभाएगा। नहीं तो पुलिस विभाग पर इसका सामाजिक दोष लगेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम की निदेशिका व एचआरडी विभाग की अध्यक्ष डा.संगीता साहू ने पिछले दो माह से चल रही गतिविधियों की प्रगति पर आख्या प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि पांच ब्लाकों में कुल नौ हजार 338 लोगों को प्रशिक्षण कार्यक्रमों के द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। समस्त कार्यक्रमों में पुरुष की भागीदारी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारतीय परिवारों में बालश्रम, बाल विवाह के निर्णय में परिवार का मुखिया जो कि सामान्यत: पुरुष होता है वही निर्णय लेता है। शुभारंभ दीप जलाकर किया गया। प्रशिक्षण में विकास खंडों के पुलिस अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, बाल संरक्षण समिति के सदस्यों ने मुख्य रूप से हिस्सा लिया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में यूनीसेफ, लखनऊ से सुधीर राय, आली संस्था लखनऊ की प्रशिक्षक अपूर्वा, राज्य आईसीपीएस समन्वयक साबिर इकबाल, जावेद अंसारी, जिला समन्वयक ने मुख्य प्रशिक्षकों की भुमिका निभाई। इस अवसर मौके पर डीडीओ टीपी मिश्र, जिला बाल संरक्षण अधिकारी चंदन राय, संजय उपाध्याय, एमबीए डीन डा.एचसी. पुरोहित आदि मौजूद रहे। आभार एचआरडी के पूर्व विभागाध्यक्ष डा.अविनाश पाथर्डीकर ने व्यक्त किया।

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