सूखे की मार झेल रहे किसानों को एक और चपत
जौनपुर : सूखे की मार झेल रहे किसानों पर एक और चपत लगाने की तैयारी चल रही है। पहले यूरिया का दाम बढ़ाया गया अब डीएपी दस रुपये महंगी हो जाएगी। वहीं दूसरी तरफ कई समितियों के निष्क्रिय होने से परेशानी और बढ़ जाएगी।
अवर्षण के चलते खरीफ की 60 फीसद फसलों को क्षति हुई। जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर सूबे की सरकार ने जनपद समेत 44 जिलों को सूखाग्रस्त तो घोषित कर दिया है लेकिन बर्बाद किसानों को उबारने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। केवल मौखिक रूप से बकाया व लगान वसूली स्थगित करने की घोषणा की गई है।
प्रकृति की मार से परेशान किसानों को सहूलियत देने की बजाय और चपत लगाने की तैयारी चल रही है। सरकार द्वारा 24 अगस्त से जहां यूरिया का दाम 23 रुपये बढ़ाकर सामान्य यूरिया 334 रुपये और नीम कोटेड यूरिया का दाम 348 रुपये कर दिया गया है वहीं अब डीएपी का दाम दस रुपये बढ़ाकर 1141 रुपये करने की तैयारी है।
इतना ही नहीं जिले 208 समितियों में 165 पर ही खाद-बीज बिक्री की व्यवस्था है। निष्क्रिय समितियों को चालू करने की भी कोई व्यवस्था सरकार द्वारा नहीं की जा रही है। खेती के लिए जिला सहकारी बैंक से ऋण मिलना तो कई साल पूर्व भी बंद हो गया था।
उर्वरक की पर्याप्त व्यवस्था
एआर कोआपरेटिव बीके सिंह ने कहा कि रबी की खेती के लिए समितियों के जरिए वितरण हेतु 18100 मीट्रिक टन डीएपी और 15 हजार क्विंटल गेहूं बीज की डिमांड की गई है। समितियों पर 7.5 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है। यूरिया की 26 मीट्रिक टन रैक एक सप्ताह के भीतर आ जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि जिले के किसानों को खाद-बीज के लिए परेशान नहीं होना होगा। जनपद के 165 समितियों समेत 239 केंद्रों पर बिक्री की व्यवस्था है। श्री सिंह ने बताया कि इएफको की डीएपी का दाम दस रुपये प्रति बोरी बढ़ाया गया है।