150 करोड़ खर्च, आबाद न हो सकी नवीन गल्ला मंडी

जागरण संवाददाता, उरई : झांसी-कानपुर हाईवे पर संकट मोचन मंदिर के समीप स्थापित नवीन गल्ला

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Feb 2019 07:42 PM (IST) Updated:Tue, 19 Feb 2019 07:42 PM (IST)
150 करोड़ खर्च, आबाद न हो सकी नवीन गल्ला मंडी
150 करोड़ खर्च, आबाद न हो सकी नवीन गल्ला मंडी

जागरण संवाददाता, उरई : झांसी-कानपुर हाईवे पर संकट मोचन मंदिर के समीप स्थापित नवीन गल्ला मंडी की तरफ व्यापारी रुख नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि निर्माण कार्य पूरा होने के पांच साल बाद भी वह शुरू नहीं हो सकी है। गल्ला व्यापारी जमा जमाया व्यापार छोड़कर वहां विस्थापित होने में रुचि नहीं ले रहे हैं। जिसकी वजह से करोड़ों रुपये की लागत से बनी मंडी उपयोगी साबित नहीं हो रही है। हालांकि अब अनाज के व्यापार के लिए बनाई गई इस मंडी में फल व सब्जी बाजार खड़ा करने की योजना बनायी गई है।

बुंदेलखंड विकास निधि से डेढ़ सौ करोड़ रुपये की लागत से नवीन गल्ला मंडी स्थापित की गई थी। उम्मीद की जा रही थी कि इससे खासतौर से किसानों को अपनी फसल बेचने में आसानी होगी। मुख्य मार्ग पर होने से किसानों के परिवहन का तमाम खर्च बच जाएगा, लेकिन फिलहाल किसानों को इससे कोई बड़ा लाभ होता नहीं दिख रहा है। कई बार प्रशासन ने व्यापारियों को नवीन गल्ला मंडी में अपनी दुकानें आवंटित कराने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन व्यापारियों ने रुचि नहीं दिखाई। जिससे चलते नवीन गल्ला मंडी के संचालन पर गतिरोध बना हुआ है। उपयोग न होने की वजह से मंडी परिसर वीरान नजर आता है। दुकानें दर्रे खाने लगी हैं। अनाज के बजाए फल मंडी में बदलने की कवायद

हालांकि अनाज की मंडी फिलहाल शुरू होने की स्थिति न बनने से उसे फल एवं सब्जी मंडी के रूप में परिवर्तित कर दिया है। मंडी सचिव मलखान ¨सह ने बताया कि फल व सब्जी के लिए दुकानों को आवंटन करने के बाद मंडी का संचालन शुरू हो गया है। कारोबार शुरू होने के बाद अन्य व्यापारी भी उसकी तरफ रुझान करेंगे।

chat bot
आपका साथी