लाखनू में पवन को पत्नी व ससुर ने मारा था
अलीगढ़ के युवक की हत्या का पर्दाफाश पुलिस ने पवन की पत्नी और ससुर को किया गिरफ्तार जैसी करनी शराब पीकर पीटने से परेशान थी हत्या के बाद शव फंदे से लटकाया महिला ने अपना सुहाग उजाड़ने में लिया था अपने पिता का सहयोग
जासं, हाथरस : 8-9 फरवरी की रात अलीगढ़ के पवन की लाखनू (हाथरस जंक्शन) में हुई हत्या का पुलिस ने बुधवार को पर्दाफाश कर दिया। पवन के शराब पीकर मारपीट करने से तंग उसकी पत्नी ने अपने पिता के सहयोग से गला दबाकर हत्या की थी और आत्महत्या दर्शाने के लिए शव फंदे से लटका दिया था। पुलिस ने आरोपित पत्नी और ससुर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
यह था मामला :
अलीगढ़ के क्वार्सी थाना क्षेत्र की एकता नगर कॉलोनी निवासी रामप्रकाश के बेटे पवन का शव आठ फरवरी की रात लाखनू में स्थित उसकी ससुराल में फंदे से लटका मिला था। पहले पुलिस ने इसे आत्महत्या माना मगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने पवन के परिजनों की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।
शराब पीकर करता था मारपीट
बुधवार को पत्रकार वार्ता में सीओ डॉ. राजीव कुमार, एसएचओ विनोद कुमार ने बताया कि पवन की शादी वर्ष 2006 में लाखनू (हाथरस जंक्शन) निवासी रामप्रकाश की बेटी रेखारानी से हुई थी। पवन शराब पीने का आदी था और आए दिन पत्नी से गाली-गलौज व मारपीट करता था। इसको लेकर रेखा ने कोर्ट में वाद भी दायर किया था, जहां बाद में उन दोनों में राजीनामा हो गया था। रेखा शिक्षामित्र होने के कारण दो बच्चों के साथ मायके में ही रहती थी। आठ फरवरी को शनिवार होने के कारण उसने पवन को लाखनू बुलाया था। वहां पवन शराब पीकर पहुंचा और गालीगलौज व मारपीट करने लगा। इसी से परेशान होकर रात में रेखा ने पिता रामप्रकाश के साथ मिलकर पवन की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के इल्जाम से बचने के लिए शव को बरामदे में लगे लोहे के कुंदे से फंदा लगाकर लटका दिया, ताकि घटना आत्महत्या की प्रतीत हो। एसएचओ विनोद कुमार ने हेड कांस्टेबल जगदीश सिंह, शिल्पी कुमारी, प्रवीन कुमार, हेमंत कुमार के साथ लाखनू स्थित घर से रामप्रकाश और रेखा को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। बच्चे नानी के हवाले
रेखा का एक बेटा सात साल का और बेटी पांच साल की है। पिता की मौत के बाद अब उनकी मां को भी जेल भेज दिया गया है। मां की गिरफ्तारी के दौरान बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। बच्चों की देखभाल अब उनकी नानी करेंगी। एसएचओ पर हुई थी कार्रवाई
इस मामले के मुकदमे में लापरवाही पर एसएचओ लक्ष्मण सिंह पर कार्रवाई हुई थी। युवक का शव मिलने के बाद तत्काल एफआइआर दर्ज नहीं की गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हुई तब जाकर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद एसपी ने एसएचओ लक्ष्मण सिंह से थाने का चार्ज छीन लिया था।