40 वर्ष बाद ब्राह्मण चेहरे के रूप में रामवीर उपाध्याय ने बदला इतिहास

-1977 में हुकमचंद्र तिवारी जीते 40 वर्ष बाद जीते रामवीर सादाबाद में इस बार जीतने को लेकर रामवीर व अविन हैं मैदान में।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 01:30 AM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 01:30 AM (IST)
40 वर्ष बाद ब्राह्मण चेहरे के रूप में  रामवीर उपाध्याय ने बदला इतिहास
40 वर्ष बाद ब्राह्मण चेहरे के रूप में रामवीर उपाध्याय ने बदला इतिहास

संसू, हाथरस : जिस समय सादाबाद विधानसभा क्षेत्र जनपद मथुरा का हिस्सा हुआ करता था, उस समय भी ब्राह्मण समाज के मतदाता दूसरे नंबर पर आते थे। जनपद बदलने के बाद इस जाटलैंड में ब्राह्मण समाज के मतदाता आज भी संख्या बल में दूसरे नंबर पर ही हैं, जिसके कारण इस समाज से प्रत्याशी अधिकतर सफल नहीं हो सके, लेकिन इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव के ठीक 40 वर्ष के बाद विधायक रामवीर उपाध्याय ने यहां का इतिहास बदला और दूसरी बार ब्राह्मण चेहरे के रूप में विधायक बनने का गौरव पाया। खास बात यह है कि इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मण चेहरे के रूप में भाजपा से बसपा में गए डा. अविन शर्मा पर दांव खेला है, जबकि बसपा से हाल ही में भाजपा में आए पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय पर दांव खेला गया है। देखना यह है कि क्या ब्राह्मण समाज के ये चेहरे तीसरी बार विधानसभा में इतिहास की गाथा लिख पाएंगे?

सादाबाद विधानसभा क्षेत्र पूर्ववर्ती मथुरा, हाल जनपद हाथरस में होने के बाद भी जाट बहुल माना जाता है। दोनों ही जनपदों में रहते हुए ब्राह्मण समाज के मतदाता यहां दूसरे नंबर पर आते हैं। अब तक चुनावों में ब्राह्मण समाज के लोगों ने यहां का प्रतिनिधित्व करने की काफी कोशिश की। विभिन्न पार्टियों से चुनाव भी लड़ा लेकिन पहली सफलता वर्ष 1977 में जनता पार्टी से हुकुमचंद तिवारी को मिली जबकि दूसरी सफलता जनपद जनक कहे जाने वाले पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय को वर्ष 2017 में मिली। इस बीच ब्राह्मण समाज के लोग चुनाव लड़े लेकिन उनको सफलता नहीं हासिल हुई। जनता पार्टी से प्रत्याशी बने हुकुमचंद तिवारी ने 1977 में कांग्रेस के ओंकार सिंह को हराकर पहली बार सादाबाद विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण समाज का प्रतिनिधित्व किया था। इसके बाद कांग्रेस से 1985 में हरिओम गौतम दूसरे स्थान पर रहे। 1989 में निर्दलीय हुकुमचंद तिवारी तीसरे स्थान पर रहे। 1993 में कांग्रेस से कालीचरण शर्मा चौथे स्थान पर रहे। 2002 में कांग्रेस से मुनीष कुमार गौतम चौथे स्थान पर रहे। 2007 में बसपा से विनोद उपाध्याय दूसरे स्थान पर रहे थे। 2012 में बसपा से सत्येंद्र शर्मा दूसरे स्थान पर रहे, लेकिन ब्राह्मण समाज के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े चेहरे पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय बहुजन समाज पार्टी से 2017 में सादाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़कर 40 वर्ष बाद इतिहास रचा। आजादी से अब तक पुजारी समाज के टीकाराम पुजारी ने वर्ष 1957 में फतेह जरूर हासिल की थी लेकिन वह ब्राह्मण समाज से नहीं थे।

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