साहब! हत्या नहीं, बीमारी से हुई मौत

-एक सुर में पूरा गांव, मृतक के आतंक के कारण हत्या की बात छिपाते रहे ग्रामीण -अंत्येष्टि स्थल की बजाय बिटोरे में शव जलाने व आरोपितों के फरार होने पर गहराया शक

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Nov 2018 01:17 AM (IST) Updated:Sat, 10 Nov 2018 01:17 AM (IST)
साहब! हत्या नहीं, बीमारी से हुई मौत
साहब! हत्या नहीं, बीमारी से हुई मौत

जागरण संवाददाता, हाथरस : हिस्ट्रीशीटर प्रताप चौधरी का गांव खजूरिया में जबरदस्त आतंक था। यही वजह रही कि पुलिस के पहुंचने पर भी लोग हत्या की बात से इंकार करते रहे। एसएचओ जितेंद्र कुमार दीक्षित से लोगों ने कहा कि बीमारी से प्रताप की मौत हुई है। जब पुलिस ने आनन-फानन अंतिम संस्कार की वजह पूछी तो सब चुप्पी साध गए। मामले को दबाने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी तथा वैधानिक कार्रवाई शुरू की।

पुलिस ने गांव के काफी लोगों से बात की, लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया। प्रताप की पहली पत्नी की संदिग्ध परिस्थिति में जलने के कारण मौत हो गई थी। दूसरी शादी उसने लगभग छह साल पहले मिथलेश से की थी। पुलिस के अनुसार मिथलेश शादीशुदा थी। पहली शादी से हुई बेटी सपना को साथ लाई थी। यहां आने के बाद उसे एक लड़का भी हुआ। लड़की की उम्र अब पांच वर्ष है। घर में प्रताप, उसकी बेटी व बेटा रहते थे। प्रताप खेती पर ही निर्भर था, लेकिन पुराने कारनामों के कारण पूरा गांव उससे डरता था। इसी डर की वजह से प्रताप समाज से कट गया था। वहां से अवशेष एकत्रित करने के बाद पुलिस सपना को लेकर कोतवाली पहुंची। गांव के भी काफी लोग कोतवाली पहुंचे तथा पुलिस को यही समझाने की कोशिश की गई कि यह हत्या नहीं है। कोई बीमारी से मौत बता रहा था तो कोई आत्महत्या की बात कह रहा था। लोगों ने बताया कि पूरा गांव प्रताप के व्यवहार से परेशान था। उस पर लूट, डकैती व अपहरण के कई मुकदमे हैं। सूत्रों के अनुसार इसलिए गांव के प्रबुद्ध लोगों ने दबे स्वर में पुलिस से मामला दबाने की अपील की। सीओ इगलास योगेश ने दोनों पक्षों से पूछताछ के बाद मुकदमा दर्ज कराया। बाद में भी अधिकारियों के फोन घनघनाते रहे कि कैसे भी मामला रफा-दफा हो जाए, लेकिन बात नहीं बनी। घटना के बाद से ही आरोपित फरार

प्रताप चौधरी की हत्या के बाद से ही दिगंबर व मान ¨सह परिवार सहित फरार हैं। पुलिस जब गांव में पहुंची तो दोनों के घरों में पर कोई नहीं मिला। अंत्येष्टि स्थल की जगह बिटोरे में शव जलाने तथा आरोपितों के फरार होने के कारण पुलिस का शक यकीन में तब्दील हुआ। इसके बाद सपना से पूछताछ हुई। पूरा गांव एक होने के कारण डर के कारण वह बोल नहीं रही थी। जब पुलिस ने भरोसा दिया तो रोते हुए उसने पूरा घटनाक्रम बता दिया। राख से मिले अवशेष

का होगा डीएनए टेस्ट

शव जल चुका था। राख भी ठंडी हो गई थी। बिटोरे में राख से पुलिस ने कुछ हड्डियां एकत्रित की हैं। इन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम की औपचारिकता में डीएनए टेस्ट के लिए अवशेष से सैंपल लिए जाएंगे, जिन्हें जांच के लिए लखनऊ प्रयोगशाला भेजा जाएगा। शव न मिलने के कारण जांच में डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट ही अहम भूमिका निभाएगी।

chat bot
आपका साथी