डिजिटल वालंटियर के जरिए सोशल प्लेटफार्म की निगरानी

देर से चेते समाज के प्रबुद्ध लोगों से सोशल मीडिया के जरिए जुड़ रही पुलिस डिजिटल वॉलंटियर न बनाने पर शासन सख्त, जल्दबाजी में कवायद

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Oct 2018 01:38 AM (IST) Updated:Thu, 25 Oct 2018 01:38 AM (IST)
डिजिटल वालंटियर के जरिए  सोशल प्लेटफार्म की निगरानी
डिजिटल वालंटियर के जरिए सोशल प्लेटफार्म की निगरानी

जागरण संवाददाता, हाथरस : डिजिटल वॉलंटियर्स के जरिए पुलिस अब सोशल मीडिया पर होने वाली गतिविधियों पर नजर रखेगी। वॉलंटियर्स बनाने में बरती जा रही लापरवाही पर डीजीपी सख्त हैं। इसके लिए वे लगातार वीडियो कान्फ्रेंस भी कर रहे हैं। लगातार मॉनिट¨रग के चलते वॉलंटियर्स बनाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

सोशल मीडिया में जहां लोगों की पहुंच बढ़ी है, वहीं इसने नए तरह के अपराध को भी जन्म दिया है। साइबर अपराध से लेकर अफवाह का यह साधन बन चुका है। भ्रामक सूचनाएं वाट्सएप से लेकर अन्य सोशल साइट्स पर तैरती रहती हैं। इससे कानून व्यवस्था को भी खतरा होता है। इसके मद्देनजर पिछले वर्ष डिजिटल वॉलंटियर्स बनाने का निर्णय लिया गया था। यह योजना नोएडा व मेरठ से शुरू हुई थी। वहां डिजिटल वॉलंटियर्स बनाए भी गए। इसके बाद से पूरे प्रदेश में लागू किया गया। पूर्व में आए आदेशों को पुलिस ने हल्के में लिया था। उस दौरान ट्विटर व फेसबुक के जरिए फार्म भरवाए गए थे, लेकिन वह तरीका कारगार नहीं हुआ। डिजिटल वॉलंटियर्स की कार्रवाई ठंडे बस्ते में थी। इसलिए डीजीपी ओपी ¨सह को इस मामले में सख्ती बरतनी पड़ी। सोमवार से वे डिजिटल वॉलंटियर्स को लेकर वीडियो कान्फ्रेंस कर रहे हैं। अधिकारियों के अलावा सभी थाना प्रभारी भी वीडियो कान्फ्रेंस में मौजूद रहे। डिजिटल वॉलंटियर्स न बनाए जाने पर डीजीपी ने नाराजगी जाहिर की। दो दिन लगी फटकार के बाद बुधवार को जिले के सभी 11 थानों में पुलिस कर्मी वॉलंटियर्स बनाते नजर आए। इसके लिए लोगों से फोन पर संपर्क किया गया। फार्म भी भरवाए गए।

वीडियो कान्फ्रेंसिंग का खौफ :

दरअसल डीजीपी ने बुधवार को भी वीसी में समीक्षा करने की चेतावनी दी थी। इस डर से पुलिस कर्मी वॉलंटियर्स बनाने में जुटे रहे, लेकिन यह वीसी किसी कारण से स्थगित हो गई। वीसी स्थगित होने पर अधिकारियों की जान में जान आई। थाना प्रभारियों ने दारोगा व कंप्यूटर ऑपरेटर्स को वॉलंटियर्स बनाने की जिम्मेदारी दे दी है। बनाए गए वाट्सएप ग्रुप

एसपी ने इस योजना के अंतर्गत थाना स्तर पर वाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए हैं। इन ग्रुप में अपने-अपने क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों को जोड़ेंगे। इनमें मीडिया कर्मी, अधिवक्ता, चिकित्सक, व्यापारी आदि वर्ग के लोग रहेंगे। एएसपी सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि ये लोग पुलिस मित्र की तरह काम करेंगे। सोशल मीडिया पर आने वाली भ्रामक सूचनाओं की जानकारी देंगे तथा पुलिस की ओर से खंडन भी करेंगे। भ्रामक सूचनाएं कानून व्यवस्था के लिए घातक साबित होती हैं। इसके अलावा अन्य सोशल साइट्स पर भी वॉलंटियर्स बनाए जाएंगे।

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