मांगलिक कार्य शुरू, वैवाहिक बंधन में बंधे जोड़े

रंग बिरंगी रोशनी से जगमगाए शादी समारोह स्थल दोपहर बाद शुरू हो गई आतिशबाजी थिरकते रहे लोग।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 01:02 AM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 01:02 AM (IST)
मांगलिक कार्य शुरू, वैवाहिक बंधन में बंधे जोड़े
मांगलिक कार्य शुरू, वैवाहिक बंधन में बंधे जोड़े

जासं, हाथरस : देवोत्थान एकादशी यानि सबसे बड़ा सहालग। क्षीर सागर में सोए भगवान विष्णु के इस दिन जागते ही मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई। बाजारों में रौनक नजर आई। शहर से लेकर देहात तक के गेस्ट हाउस आकर्षक सजावट से जगमगा उठे। दर्जनों जोड़े विवाह बंधन में बंधे।

बुधवार को बाजारों में रेडीमेड से लेकर, घी, तेल, परचून, सौंदर्य प्रसाधन आदि की दुकानों पर लोगों की भीड़ रही। गेस्ट हाउसों को भव्यता से सजाया गया था। गेस्ट हाउस रंगीन रोशनियों से जगमगा रहे थे। शाम होते ही इनमें शहनाई बजने लगी। आतिशबाजी के साथ बरातें निकलीं। बैंडों बाजों के साथ लोग थिरकते नजर आए।

ब्यूटीपार्लरों पर भीड़ : शादियों में सजने की परंपरा है। सहालग में महिलाएं खुद को सजाती-संवारतीं नजर आईं। दुल्हन भी ब्यूटीपार्लरों पर अपना मेकअप कराती रहीं, जिनकी बुकिग पहले से ही थी। दुल्हनों को हल्के कलर का मेकअप खूब भाया। उन महिलाओं को इंतजार करना पड़ा, जिनकी बुकिग नहीं थी। बेहतर लुक के लिए युवकों की भीड़ हेयर सैलून पर लगी रही।

फूल-मालाओं की भारी मांग :

सहालग पर सबसे अधिक गुलाब समेत अन्य फूलों के हार की डिमांड रही। जिन लोगों ने वर-वधू के लिए पहले से इनकी बुकिग करा दी थी, वे तो सुकून में रहे, बाकी लोग जयमाला, गजरा आदि की तलाश करते रहे। उन्हें मनमाफिक रुपये देने पड़े। नयागंज, घंटाघर, कमला बाजार, गली मालिन स्थित फूलों का बाजार चहका। फलों की खरीदारी

सहालग के चलते फलों की डिमांड भी खूब रही। इनके दामों में इजाफा नजर आया। शगुन बतौर लगुन, बरीपुरी आदि में फलों का प्रचलन होता है। लोग फलों की टोकरी बनवाते नजर आए। फल विक्रेता सुबह से ही इसमें व्यस्त रहे। बाजारों में रहा जाम

सहालग शुरू होते ही बाजारों में जाम की समस्या और बढ़ गई। बागला मार्ग, कमला बाजार, बेनीगंज, घंटाघर, हलवाई खाना समेत अन्य बाजार आम तौर पर जाम से जूझते हैं, लेकिन बरात चढ़त व फुटपाथों के पार्किंग स्थल बन जाने पर समस्या और विकराल हो गई। गेस्ट हाउसों के बाहर ही वाहन खड़े होने से जाम से लोग दिन भर जूझते रहे।

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