लोकतंत्र सेनानी 43 साल के बाद कैसे बन गए अपराधी?

- पेंशन न मिलने से खफा सेनानियों ने एडीएम को सौंपा ज्ञापन - 20,000 रुपये प्रति माह मिलती है एक सेनानी को पेंशन

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jan 2019 08:55 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jan 2019 08:55 AM (IST)
लोकतंत्र सेनानी 43 साल के   बाद कैसे बन गए अपराधी?
लोकतंत्र सेनानी 43 साल के बाद कैसे बन गए अपराधी?

जासं, हाथरस : उप्र लोकतंत्र रक्षक सेनानी कल्याण समिति ने दिसंबर की पेंशन न मिलने पर सोमवार को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम रेखा एस चौहान को सौंपा। सवाल किया कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल जाने वाले सेनानी 43 साल बाद अपराधी कैसे घोषित हो गए। 1975 में जब आपातकाल लगा तो कई सेनानी लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल गए। जब वे जेल से बाहर आए तो उनके ऊपर लगे मुकदमे भी वापस ले लिए गए तो फिर अब लोकतंत्र सेनानी अपराधी कैसे हुए?

जिलाध्यक्ष कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया कि जिले में कुल 98 लोकतंत्र सेनानी हैं, लेकिन प्रशासन ने बिना सूचना के 53 लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन अचानक बंद कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने इन सभी सेनानियों को अपराधिक प्रवृत्ति का मानते हुए उनकी पेंशन बंद की है। उन्होंने कहा कि अन्य जनपदों में सेनानियों को पेंशन दी जा रही है फिर यहां पेंशन बंद क्यों की गई है। ज्ञापन के दौरान युनूस खां, सोमप्रकाश वाष्र्णेय, प्रकाश चंद्र शर्मा, रामनिवास सारस्वत समेत बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानी मौजूद रहे।

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