गांवों की सरकारे लाएं खुशहाली

संवाद सहयोगी, हाथरस : निदेशक पंचायती राज विजय किरन आनंद ने ग्राम प्रधानों को जारी पत्र में उनस

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jun 2017 12:30 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jun 2017 12:30 AM (IST)
गांवों की सरकारे लाएं खुशहाली
गांवों की सरकारे लाएं खुशहाली

संवाद सहयोगी, हाथरस :

निदेशक पंचायती राज विजय किरन आनंद ने ग्राम प्रधानों को जारी पत्र में उनसे अपेक्षा की है कि वे ग्राम पंचायतों को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएं। पंचायतीराज संस्थाओं के माध्यम से आम आदमी की सत्ता में प्रत्यक्ष भागीदारी की परिकल्पना को साकार करने के लिए ही ग्राम पंचायतों की स्थापना की गई है। ग्राम प्रधानों से सामाजिक न्याय व आर्थिक विकास की योजनाओं को प्रभावशाली ढंग से लागू करने की अपील की है।

ग्राम पंचायत कार्यालय :

निदेशक पंचायती राज ने कहा है कि जिन ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन, सामुदायिक केंद्र व ग्राम सचिवालय मौजूद हैं, उनकी अनिवार्य रूप से मरम्मत व रखरखाव करते हुए ग्राम पंचायत कार्यालय स्थापित किए जाएं, ताकि एक ही स्थान पर ग्रामीणों को शासन की अनुमन्य योजनाओं की जानकारी एवं लाभ मिल सके। जिन ग्राम पंचायतों में यह भवन नहीं हैं, वहां स्कूल भवन या शासकीय भवन में ग्राम पंचायत कार्यालय स्थापित किया जा सकता है। इसे जन्म-मृत्यु पंजीकरण के रूप में स्थापित करते हुए पंचायत सचिव/रजिस्ट्रार द्वारा प्रत्येक जन्म-मृत्यु को पंजीकृत किया जाए। परिवार रजिस्टर में त्रैमासिक संशोधन करते हुए इसे अपडेट रखा जाए। अगर ग्राम पंचायत कर्मी नियमित उपस्थित नहीं होता है तो इसकी शिकायत राज्य सरकार के जन सुनवाई पोर्टल पर की जा सकती है। उसे तत्काल संज्ञान में लिया जाएगा।

पंचायत सचिव : पंचायत राज विभाग के ग्राम पंचायत अधिकारी या ग्राम्य विकास विभाग के ग्राम विकास अधिकारी को ग्राम पंचायत सचिव का उत्तरदायित्व दिया गया है। सचिवों की कमी के चलते कई पंचायतों को उत्तरदायित्व होने के कारण उन्हें इस तरह का रोस्टर जारी किए जाने के निर्देश दिए गए हैं कि वह सप्ताह में कम से कम एक दिन प्रत्येक ग्राम पंचायत के कार्यालय में मौजूद रहें। निर्धारित दिन पर सुबह 10 से 12 बजे तक कार्यालय व 3 बजे तक ग्राम पंचातय में संचालित विभिन्न निर्माण व विकास कार्यों का निरीक्षण करें। जनता से संवाद कर उनकी समस्याओं का निराकरण भी कराएं।

भ्रष्टाचार नियंत्रण :

निर्माण व अन्य पदीय दायित्वों के निर्वहन में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार सहन नहीं होगा। पंचायतों को 14वें वित्त, राज्य वित्त, स्वच्छ भारत मिशन, मनरेगा में अत्यधिक धनराशि का आवंटन किया जा रहा है। सरकार जीरो टॉलरेंस की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त कर चुकी है। प्रधान के पास महत्वपूर्ण प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार हैं। इसके लिए भ्रष्टाचार रोकने की दिशा में भी ठोस प्रयास करें। सभी कार्यों में पूरी पारदर्शिता रखी जाए। प्रत्येक कार्य व व्यय का विवरण पंचायत की मासिक बैठकों में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किया जाए।

सफाई कर्मी की व्यवस्था : गांवों में सफाई के लिए प्रत्येक राजस्व गांव में सफाई कर्मी तैनात हैं। इसके लिए तैनात कर्मियों की कड़ी निगरानी करते हुए लापरवाहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। सफाई कर्मियों की नियमित उपस्थिति के लिए रजिस्टर के साथ उनके वेतन मांगपत्र पर हस्ताक्षर का अधिकार दिया गया है। पहले सफाई कर्मी हाजिरी लगाएगा और फिर सफाई कार्य करेगा।

विवरण करें सार्वजिनक :

ग्राम पंचायत के पंचायत भवन या किसी सार्वजनिक भवन या दीवार पर फ्लैक्स बोर्ड लगाकर ग्राम पंचायत के विभिन्न श्रोतों से हुई आय व उसके सापेक्ष कराए गए कार्यों का विवरण अनिवार्य रूप से समुदाय की जानकारी के लिए अवश्य प्रदर्शित किया जाए।

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