उजड़ते उद्योगों को संजीवनी दिए जाने की जरूरत

संवाद सहयोगी, हाथरस : औद्योगिक शहर हाथरस को फिर से संजीवनी दिए जाने की मांग हाथरस औद्योगिक आस्थान सह

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jun 2017 12:29 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jun 2017 12:29 AM (IST)
उजड़ते उद्योगों को संजीवनी दिए जाने की जरूरत
उजड़ते उद्योगों को संजीवनी दिए जाने की जरूरत

संवाद सहयोगी, हाथरस : औद्योगिक शहर हाथरस को फिर से संजीवनी दिए जाने की मांग हाथरस औद्योगिक आस्थान सहकारी समिति के उपाध्यक्ष ने की है। उन्होंने नगर विकास मंत्री, प्रभारी मंत्री, मुख्य सचिव, सांसद व जिलाधिकारी को पत्र लिखा है।

पत्र में समिति के उपाध्यक्ष देवेंद्र कुमार मोहता ने कहा है कि नगर विकास विभाग की अपेक्षित सुविधाओं के अभाव में यहां की जनसंख्या में भी भारी गिरावट आई है। 1981 से 2001 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर नगर विकास की योजना कागजों तक सिमट कर रह गई है। यहां वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन सड़क चौड़ीकरण की बजाए अतिक्रमण से और संकरी हुई हैं। 1981 से यहां ट्रांसपोर्ट नगर के लिए 11 हेक्टेयर भूमि का प्रस्ताव है, लेकिन आज तक इसका क्रियान्वयन नहीं हुआ। 127 हेक्टेयर भूमि मार्गों के लिए आरक्षित की गई, लेकिन इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया गया। केंद्रीय क्रियाओं के लिए 80 हेक्टेयर भूमि का प्रस्ताव हुआ, लेकिन आज तक कोई केंद्र नहीं बन सका है। क्रीड़ा व पार्क के लिए 42 हेक्टेयर में से केवल 0.16 हेक्टेयर भूमि पर ही विकास हो सका है। औद्योगिक गतिविधियों के संचालन के लिए 82 हेक्टेयर भूमि प्रस्तावित थी, लेकिन यहां कॉलोनी विकसित हो रहीं हैं। 2021 की प्ला¨नग 16 वर्ष बाद स्वीकृत हुई है। यह भी कागजों तक सिमटी है। इसमें उप नगर केंद्र के लिए 40.08 हेक्टेयर भूमि जिला व्यवसायिक केंद्र के रूप में प्रस्तावित है, लेकिन कोई कार्य नहीं हुआ है। सिटी सेंटर के लिए 18.56 हेक्टेयर भूमि प्रस्तावित की गई है, लेकिन इसके लिए दूसरे नगरों में जाना पड़ता है। मंडी स्थल के लिए इगलास रोड़ पर 32.32 हेक्टेयर भूमि का प्रस्ताव भी अधर में लटका है। औद्योगिक गतिविधियों के लिए 204.35 हेक्टेयर भूमि के प्रस्ताव के सापेक्ष 51.33 हेक्टेयर भूमि ही उपलब्ध हो सकी है। तीन अस्पतालों की जरूरत पूरी नहीं हुई। अग्निशमन केंद्र नहीं बन सका। ¨रग रोड़ की जरूरतें पूरी नहीं हो सकी हैं। सीवेज व ड्रेनेज सिस्टम कराह रहा है।

मदन मोहन शर्मा

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