आजीवन बसपा का ही रहूंगा : रामवीर

जागरण संवाददाता, हाथरस : बसपा के दिग्गज नेता एवं पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने दल-बदल की अफव

By Edited By: Publish:Sat, 27 Aug 2016 01:01 AM (IST) Updated:Sat, 27 Aug 2016 01:01 AM (IST)
आजीवन बसपा का ही रहूंगा : रामवीर

जागरण संवाददाता, हाथरस : बसपा के दिग्गज नेता एवं पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने दल-बदल की अफवाहें उड़ाने वालों को आड़ेहाथ लिया। साफ कहा, 'मैं बसपा का सिपाही हूं और आजीवन बसपा में ही रहूंगा। बहन मायावती से मेरा भावनात्मक जुड़ाव है। वे 21 साल से रक्षाबंधन पर राखी बांधती हैं और मैं उन्हें बड़ी बहन मानता हूं। विरोधी मेरी व बसपा की लगातार बढ़ रही लोकप्रियता से बौखलाकर इस तरह की अफवाहें उड़ा रहे हैं।'

पहले स्वामी प्रसाद मौर्य और फिर ब्रजेश पाठक के बसपा छोड़ने के बाद सियासी गलियारों में रामवीर उपाध्याय व अलीगढ़ के पूर्व मंत्री ठा. जयवीर ¨सह को लेकर भी अफवाहें तैरने लगीं। इसपर उपाध्याय का कहना है कि यही अफवाहें मीडिया तक पहुंच गईं, जबकि उन्होंने ऐसा कभी सपने में भी नहीं सोचा। उन्होंने शुक्रवार को अपने आवास पर पत्रकार वार्ता में कहा कि वे बसपा के सिपाही हैं और आजीवन रहेंगे। बहन मायावती ने जितना सम्मान दिया है उतना किसी और व्यक्ति से नहीं मिला। पहली बार 1993 में जरूर उनके पास टिकट मांगने गया था, मगर इसके बाद तो उनका दुलार मुझपर अब तक बरस रहा है। पहली बार विधायक बना और उन्होंने मुझे ऊर्जा और परिवहन जैसे दो-दो प्रमुख मंत्रालयों की जिम्मेदारी दे दी। इसके बाद तो जहां से मैने टिकट मांगी वहीं से दी। जब-जब प्रदेश में बसपा की सरकार बनी, मुझे मंत्री बनाया। वर्ष 2000 में मेरी धर्मपत्नी सीमा उपाध्याय को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का श्रेय भी बहन मायावती को ही जाता है। वर्ष 2009 में मेरे बगैर किसी अनुरोध के सीमा उपाध्याय को फतेहपुरसीकरी से सांसद का चुनाव लड़वाया और संसद पहुंचाया। मेरे छोटे भाई मुकुल उपाध्याय को इगलास से विधायक बनवाया और फिर एमएलसी बनवाया। अब भी मेरे परिवार से मुझे व मुकुल को बसपा से टिकट देकर चुनाव लड़वा रही हैं। उन्होंने कहा की मायावती हमारी नेता तो हैं ही उनसे मेरा भावनात्मक जुड़ाव भी है। वे 21 साल से रक्षाबंधन पर मुझे राखी बांधती हैं और मैं उन्हें बड़ी बहन मानता हूं।

उन्होंने कहा कि आगरा रैली में उमड़े जनसमूह ने यह संदेश दे दिया कि अब बसपा सत्ता में आ रही है। इसी से बौखलाकर विरोधी दलों के लोग इस तरह की अफवाहें उड़ा रहे हैं कि वे किसी और दल में जा रहे हैं। उन्होंने अपने समर्थकों व शुभ¨चतकों से अपील की कि वे किसी भी बहकावे में न आएं।

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