कुदरत के कहर ने एक और किसान को छीना

संवाद सहयोगी, हाथरस : कुदरत के कहर ने किसानों की कमर तोड़ दी है। बर्बाद फसल के सदमे से एक और किसान की

By Edited By: Publish:Fri, 27 Mar 2015 12:41 AM (IST) Updated:Fri, 27 Mar 2015 12:41 AM (IST)
कुदरत के कहर ने एक और किसान को छीना

संवाद सहयोगी, हाथरस : कुदरत के कहर ने किसानों की कमर तोड़ दी है। बर्बाद फसल के सदमे से एक और किसान की मौत हो गई है। जिले में यह सोलहवीं मौत है।

क्षेत्र के गांव घूंचा निवासी 60 वर्षीय चरन ¨सह पुत्र हरचरन तीस बीघा भूमि के स्वामी हैं तथा वर्तमान में वह जूनियर हाईस्कूल गोविन्दपुर में प्रधानाध्यापक थे। बुधवार की सायं स्कूल का अवकाश होने के उपरांत वह खेत पर पहुंचे जहां मजदूर व परिजन आलू की खुदाई कर रहे थे। अध्यापक ने खेत पर पहुंचकर मंगलवार को एक ट्रॉली आलू खंदौली से आगे एक शीतगृह में रखवाने के लिए भेजा लेकिन शीतगृह में आलू न रख पाने के कारण ट्रैक्टर ट्राली वापस नहीं लौटा। उधर, खेत में खुले में पड़ा आलू गर्मी के कारण फटने लगा। आलू की स्थिति देख अचानक चरन ¨सह की तबीयत खराब हुई और खेत में ही उल्टियां होने लगीं। वह खेत में ही गिर पड़े। परिजन उन्हें तत्काल आगरा के एक चिकित्सालय में ले गए और भर्ती कराया, जहां उन्हें चिकित्सकों ने आइसीयू में भर्ती किया। गुरुवार की सुबह उनकी मौत हो गयी। गांव में मौत की खबर आते ही कोहराम मच गया।

चरन सिंह के तीन पुत्र हैं। एक पुत्र बीटेक की पढ़ाई कर रहा है जबकि दो अन्य पुत्रों में एक पुत्र दोनों हाथों से तथा दूसरा पुत्र दोनों पैरों से विकलांग है। ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी को अवगत कराया जिस पर उन्होंने नायब तहसीलदार व हल्का लेखपाल को मौके पर भेजा।

फोटो- 35

सदमे से किसान बेहोश

सादाबाद : कुरसण्डा के गांव भूदरी निवासी 65 वर्षीय रमेश चन्द्र उपाध्याय पुत्र प्यारेलाल ने 30 बीघा भूमि पर आलू की फसल की थी। बुधवार को जब आलू की खुदाई शुरू हुई तो मात्र 8 बोरा प्रति बीघा निकलने पर किसान को सदमा लगा और खेत में ही वे गिर पड़े। परिजन उन्हें सादाबाद ले गए, जहां उपचार के बाद आराम मिला।

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